script

उठ जाग मुसाफिर.. भोर भई

locationराजसमंदPublished: Feb 22, 2020 10:52:55 am

Submitted by:

Rakesh Gandhi

टिप्पणी

उठ जाग मुसाफिर.. भोर भई

उठ जाग मुसाफिर.. भोर भई

राकेश गांधी

क्या ये ठीक है कि बाहर से कोई आकर हमें ये समझाए कि साफ- सफाई रखें? क्या हमारा इतना विवेक भी नहीं है कि हम अपने आस-पास की सफाई रखें? बिल्कुल है, पर हम अभी गहरी नींद में हैं, बेपरवाह हैं। खुद के प्रति, परिवार के प्रति, समाज के प्रति व अपने इस सुंदर शहर के प्रति भी। ये ही वजह है कि बाहर से आए मेहमान अधिकारी हमें जगाने को विवश हैं। एक बार नहीं, कई-कई बार। पर हमारी नींद कहां खुल रही? हमें एक बार में ही समझ आ जाना चाहिए था कि हमें अपना शहर, जो अपने घर से कम नहीं है, उसे साफ रखना है। पर पता नहीं, हम ऐसा कब समझेंगे।
करीब डेढ़ माह पहले पत्रिका ने ‘आओ मिलकर संवारें राजसमंद’ अभियान चलाया था, तब एक उम्मीद थी कि हम कुछ ही समय में अपने इस छोटे से शहर को जल्द से जल्द बेहतर बना लेंगे। प्रशासन व स्वयंसेवी संगठनों के बैठक भी हुई। यहां राहत की ये बात जरूर है कि प्रशासन ने तत्काल साफ- सफाई का बीड़ा उठा लिया है। खासतौर से नगर परिषद ने। कलक्टर, उपखण्ड अधिकारी व आयुक्त ने आगे चलकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है। इसमें अतिक्रमण हटाने के साथ ही कचरा हटाने को गाडिय़ां बढ़ाने व शहर के विभिन्न वर्गों के साथ अलग-अलग बैठकें कर उन्हें ठोस व तरल कचरे की समझाइश करना शामिल है, जो अनवरत जारी है।
ठीक डेढ़ माह बाद 10 अप्रेल को हम अपने शहर की वर्षगांठ मनाएंगे। यानि हमारे पास काफी समय है, जब हम ये काम सब मिलकर आसानी से कर सकते हैं। अब अपना फर्ज समझ हम खुद अपने शहर की सोचें, आगे बढ़कर सबसे पहले अपने घर- मोहल्लों, फिर सार्वजनिक स्थानों को साफ रखने का जिम्मा ओढ़ें। पहले घर- मोहल्ले, फिर दूसरे स्थान यदि साफ होते चले जाएंगे, ये शहर साफ- सुथरा करने में ज्यादा देर नहीं लगेगी। प्रशासन अपनी गाडिय़ां लेकर वैसे भी अपने साथ खड़ा है। यदि नहीं भी है तो अधिकारियों से बात की जा सकती है। पर हमें तत्काल प्रयास करने होंगे। यहां- वहां कचरा डालने से परहेज करना होगा।
शहर की वर्षगांठ से पन्द्रह दिन पहले तक हमें इस शहर को चमका देना है। कुछ ऐसा बना देना है कि ये देश-प्रदेश के दूसरे शहरों के लिए मिसाल बने। इसे सर्वश्रेष्ठ बना देना है। हम शहरवासियों की ताकत का अंदाजा खुद हमें है। सर्द हवाएं थम चुकी है। रजाइयों की जगह चद्दरों ने ले ली है। ऐसे में हमें नींद से बाहर आने में ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए। हालांकि हमें जरूरत तो नहीं है, फिर भी प्रशासन चाहे तो सबसे स्वच्छ व सुंदर मोहल्ले या वार्ड को सम्मानित करने की योजना बना सकता है। इससे प्रोत्साहन ही मिलेगा। फिर देरी किस बात की.., आओ, आज से ही हम अपने घर व मोहल्ले के साथ इसकी शुरुआत करें और अपने शहर को सबसे सुंदर बना दें।

ट्रेंडिंग वीडियो