scriptवैभव गहलोत और हिमांशु जोशी नहीं लड़ेंगे चुनाव: सीपी जोशी | Vaibhav Gehlot will not contest election says CP Joshi | Patrika News

वैभव गहलोत और हिमांशु जोशी नहीं लड़ेंगे चुनाव: सीपी जोशी

locationराजसमंदPublished: Feb 18, 2021 09:39:46 am

Submitted by:

santosh

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के पुत्र हिमांशु के चुनाव लड़ने की अटकलों पर बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष ने विराम लगा दिया।

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राजसमंद। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के पुत्र हिमांशु के चुनाव लड़ने की अटकलों पर बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष ने विराम लगा दिया। उन्होंने कहा, वैभव और हिमांशु के चुनाव लड़ने की खबरें चल रही हैं। मैं साफ कर देता हूं कि राजसमंद में इनमें से कोई चुनाव नहीं लड़ेगा। राजसमंद में राजसमंद का बेटा, स्थानीय व्यक्ति ही चुनाव लड़ेगा।

जोशी बुधवार को नगर परिषद कार्यालय में ‘राजसमंद विकास संवाद’ कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, कोटा से ईष्र्या होती है। आज वह राजस्थान का सबसे अच्छा विकसित शहर है। शान्ति धारीवाल ने शहरी विकास मंत्री रहते उम्दा काम किया। जोशी ने धारीवाल से कहा, आप कोटा के नुमाइन्दे होंगे लेकिन आज राजसमंद जिले को गोद लेने बुलाया है। आपकी कलम से जिले के शहरी विकास का कोई भी काम निर्बाध होगा तो हमें घमण्ड होगा। हम लोगों से कह सकेंगे कि यह धारीवाल का गोद लिया हुआ जिला है।

राजसमंद के विकास पर दिया जोर
जोशी ने कहा, राजसमंद जिला देर से बना। कोटा पहले जिला बना था। राजसमंद में ऐसी विरासत भी हैं, जो अन्य किसी जिले के पास नहीं हैं। राजसमंद में डीएमएफटी कार्यों पर मंजूर 500 करोड़ के संग्रहण में राज्य बजट का योगदान नहीं है। खनन पर लगे टैक्स से अकेले राजसमंद ने यह पैसा इकट्ठा किया। दुनिया का सर्वाधिक चांदी का भण्डार रेलमगरा की धरती में है। इतना बड़ा भण्डार है तो कितना बड़ा निवेश होगा, यह कल्पना से परे है। इस संबंध में मुख्यमंत्री से चर्चा की और बाड़मेर में रिफाइनरी लगवा दी। जोशी ने कहा, जिले में आपके तीन साल के कार्यकाल में सुपर स्मेल्टर का सबसे बड़ा कारखाना यहां लगना चाहिए।

धारीवाल का किरण पर कटाक्ष, पुत्री दीप्ति ने लगाया मर्यादा हनन का आरोप
शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल ने दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी का नाम लेकर कहा कि उन्हें विकास कार्यों में बिल्कुल रुचि नहीं थी। मैंने खुद कई बार कहा कि मुझे राजसमंद के लिए काम बताइए। वह कहती थीं, मैं लेकर चलूंगी आपको। मैंने यहां आकर पूछा कि किरणजी ने क्या-क्या काम करवाए। मुझे ऐसा लगा नहीं कि जिस प्रतिभा की वह महिला थीं, जिस लगन से काम करना चाहिए था, वैसा न्याय उन्होंने राजसमंद से नहीं किया। उनकी प्राथमिकताएं ही दूसरी थीं, विकास नहींं था। आगे होकर पूछते कि बताओ क्या काम करना है और वह टाल देती थीं। इधर, माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी ने कहा, ऐसे आरोप मिथ्या और मर्यादा का हनन करने वाले हैं।

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