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ऐतिहासिक तालाब का पैंदा उघड़ा तो निकल आए आधा दर्जन कुएं

locationराजसमंदPublished: Jun 12, 2019 05:04:18 pm

Submitted by:

laxman singh

इनमें मोटर डालकर एक से डेढ़ किलोमीटर की पाइप लाइन जोड़ किया जा रहा पानी का अवैध दोहनविभाग एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी

When the pond of the historic lake opened, half a dozen wells cameout

ऐतिहासिक तालाब का पैंदा उघड़ा तो निकल आए आधा दर्जन कुएं

ओमप्रकाश शर्मा/प्रमोद भटनागर

कुंभलगढ़. उपखंड मुख्यालय केलवाड़ा स्थित दुर्ग रोड पर ऐतिहासिक तालाब लाखेला का लम्बे अर्से के बाद पूरी तरह से पानी सूखने से पैंदा निकल आया है। इसके साथ ही क्षेत्र में तालाब के आसपास बनी होटलों में पानी ले जाने के लिए लगभग आधा दर्जन से ज्यादा तालाब के पेटे में खोदे गए कुएं भी बाहर निकल आए हैं। हालांकि कुओं के खातेदारी जगह में खोदे जाने की जानकारी है, लेकिन जानकारों के मुताबिक उसके पानी से मात्र पेटा काश्त किया जा सकता है, ना कि व्यावसायिक उपयोग।
क्षेत्र के ग्रामीणों सहित जनप्रतिनिधियों ने इस बात को लेकर स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं कि आखिर इतने बड़े मामले को नजर अंदाज क्यों किया जा रहा है। या तो प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं करना चाहता या फिर होटलों से रसूखात के चलते स्थानीय आम लोगों के प्रति उदासीनता बरती जा रही है। हालांकि तालाब पंचायत समिति के अधीन होने से विकास अधिकारी नवलाराम चौधरी ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आया है। जिसके बाद जानकारी लेने पर पता चला है, कि सभी कुएं खातेदारी भूमि में खोदे गए हैं और खातेदारी का मामला राजस्व विभाग ही देखता है। इसके चलते वे कुछ नहीं कह सकते। ऐसे में कुछ भी हो, जहां एक ओर आम लोग पानी के लिए तरस रहे हैं, वहीं प्रतिदिन दर्जनों कुओं से लाखों लीटर पानी का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है, जो गलत है।

खातेदारी में हैं कुएं
मामला मेरे संज्ञान में आया है। पता चला है कि पेटे में स्थित तमाम कुएं खातेदारी भूमि में है, और खातेदारी मामले राजस्व विभाग देखता है।
नवलाराम चौधरी, विकास अधिकारी, कुंभलगढ़
नहीं मिली इस तरह की शिकायत
मेरे पास किसी की शिकायत नहीं है, अगर शिकायत मिलेगी तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो कितनी भी बड़ी हस्ती हो, इस वक्त पेयजल की व्यवस्था बड़ा मुद्दा है
परसराम टांक, उपखण्ड अधिकारी, कुंभलगढ़
प्रशासन से कई बार की शिकायत
करीब एक साल से हमने बार बार लिखित और मौखिक शिकायत की है। कई बार ज्ञापन भी दिया है, लेकिन प्रशासन पूरे मामले को लेकर मौन है। इसका खामियाजा आज हम लोगों को क्षेत्र की जनता के रोष के रूप में झेलना पड़ रहा है।
नीतु असावा, जिला परिषद सदस्य, राजसमंद
लाखेला पंस. के पास
केलवाड़ा का लाखेला तालाब पंचायत समिति के पास है, इसलिए वही बता पाएंगे कि क्या होना चाहिए और क्या नहीं
लक्ष्मीलाल सालवी, सहायक अभियंता, जल संसाधन
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