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कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता..

locationराजसमंदPublished: Sep 22, 2020 10:01:40 am

Submitted by:

Rakesh Gandhi

– बिजनेस में भी श्रेष्ठता साबित कर रही हैं महिलाएं- संदर्भ – वर्ल्ड बिजनेस वुमन डे

कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता..

कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता..

राजसमंद. महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कमतर नहीं हैं। केवल शिक्षा व नौकरी में ही नहीं, इन दिनों तो बिजनेस में भी महिलाएं आगे आ रही हैं। वे न केवल आगे आ रही है, बल्कि खुद को श्रेष्ठ बिजनेस वुमन साबित कर रही हैं। बैंकों, बड़े वित्तीय संस्थानों व सरकारी नौकरी में उच्च पदों पर आसीन महिलाओं ने अपने कार्यों से ये दिखला दिया है कि यदि उनके हाथ में भी कमान हो, तो वे भी पुरुषों की तरह काम करके दिखला सकती है।
केवल शहरी क्षेत्रों में ही नहीं, जब से सरकारी स्तर पर स्वरोजगार के जरिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास शुरू हुए हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिलाएं या उनके समूह संगठित रूप में आगे आए हैं। खाद्य पदार्थ, रेडिमेड वस्त्र, ब्यूटी पार्लर, अगरबत्ती-साबुन-पापड़-मेहन्दी कोण जैसे विभिन्न गृह उद्योग, जेम्स एण्ड ज्यूलरी, सजावटी वस्तुएं आदि में महिलाएं बिजनेस करती देखी जा सकती है। कोरोना काल में जहां पुरुषों को अपनी निजी संस्थानों की नौकरियों से हाथ धोना पड़ रहा है या आधी से कम तनख्वाह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, इन परिस्थितियों में कई महिलाओं ने आगे आकर अपने पुरुष साथी का घर की जिम्मेदारियों के साथ आर्थिक जिम्मेदारियों में साथ देना शुरू कर दिया है। इससे कई घर उजडऩे से बच गए और आज खुशहाल जीवन जी रहे हैं।

सुकून है, आज अपने पैरों पर खड़ी हूं
आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई के बावजूद मेरा सपना था कुछ बनने का। इसी सपने को हकीकत में बदलने के लिए वर्ष 2014 में तमन्ना ब्यूटी पार्लर प्रारंभ किया। किसी भी समाज में एक महिला के लिए यह सब इतना आसान नहीं होता। बहुत कुछ सुनना पड़ता था। मेरा जुनून था एक पहचान बनाने का। अपनी काबिलियत को साबित करने का, कि महिलाएं अबला नहीं सबला होती है। एक वर्ष तक मेरे पार्लर में एक भी ग्राहक नहीं आया, पर मैंने भी हिम्मत नहीं हारी। फिर मैंने 10 रुपए में आइब्रो बनाना शुरू किया और कभी-कभी तो अपना पार्लर आगे बढ़ाने के लिए मैं नि:शुल्क भी काम करने लगी थी। इससे धीरे-धीरे मेरा पार्लर अच्छा चलने लगा और दूर-दूर से महिलाएं मेरे पार्लर में आनी लगी। मैंने अपने परिवार व बच्चों का साथ मिलने से पूरी मेहनत की और आज मुझे खुशी है कि मैं अपने परिवार का अच्छे से गुजारा चला लेती हूं। ऑनलाइन आर्डर भी मिलने लगे हैं। न केवल राजसमंद, बल्कि अब तो मैंने जयपुर, नागौर, पाली, अजमेर, सीकर समेत कई जिलों में कार्य किया। आज मेरे एक नहीं, दो पार्लर है। दूसरा मैंने इसी साल शुरू किया है। मैंने कई लड़कियों को भी आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें ब्यूटी पार्लर का कोर्स कराया। आज भी मेरे पार्लर में तीन लड़कियां काम करती हैं। मेरा यही प्रयास रहता है कि ये लड़कियां मेरे पार्लर में तैयार हो और आगे अपना काम शुरू कर सकें। इस समय कोविड-19 के चलते कुछ समस्याएं जरूर हुई है, पर मैं सरकारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करते हुए अपना पार्लर रही हूं व अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा रही हूं। मुझे इस बात का गर्व है कि मैं भी आज एक बिजनेस वुमन हूं।
– जन्नत बानो

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