ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रेक के लिए ओर करना होगा इंतजार, निर्माण आधा-अधूरा
राजसमंदPublished: Jul 06, 2022 12:14:12 pm
– ट्रेक, पोर्च और वॉचिंग टावर तैयार, कम्प्यूटर और सेंसर आदि के काम की दरकार, चारदीवारी और ट्रेक के एप्रोच रोड का भी नहीं अता-पता, बारिश में भर जाता पानी
राजसमंद के गुर्जरों का गुड़ा में परिवहन विभाग के ड्राइविंग ट्रेक तक जाने वाला कच्चा रोड।
राजसमंद. परिवहन विभाग के ऑटोमैटिक डाइविंग ट्रेक के लिए अभी ओर इंतजार करना पड़ेगा। इसके तहत बिल्ंिडग आदि का अधिकांश काम लगभग पूरा हो गया है, लेकिन कम्प्यूटर और सेंसर आदि का काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है। वहीं इसकी चारदीवारी और एप्रोच रोड का भी अता-पता नहीं है।
शहर के गुर्जरों का गुढ़ा में आरएसआरडीसी के माध्मय से परिवहन विभाग का ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रेक बनवाया जा रहा है। यहां पर दो पहिया और चौपहिया वाहन चालकों का ड्राइविंग ट्रेस्ट होगा। यहां पर लगने वाले सेंसर आदि से अपने आप ही ड्राइविंग ट्रेस्ट देने वाले के फेल-पास की जानकारी मिलेगी। यहां पर करीब 192.73 लाख की लागत से बनने वाले ट्रेक का निर्माण कार्य करीब एक साल से चल रहा है। इसके तहत ड्राइविंग ट्रेक, वाचिंग टावर, कन्ट्रोल रूम और वेटिंग एरिया आदि का निर्माण कार्य पूरा हो गया है, लेकिन अभी तक कम्प्यूटर और सेंसर आदि लगाने का काम शुरू तक नहीं हुआ है। यह कार्य परिवहन विभाग मुख्यालय स्तर से कवराया जाना है, लेकिन अभी तक इसका अता-पता नहीं है। निर्माण कार्य के दौरान चेम्बर आदि बनाकर छोड़ दिए गए हैं। ट्रेक और इसके आस-पास के क्षेत्र में पेड़-पौधे आदि लगाने का काम शेष है। आरएसआरडीसी ने ड्राइविंग ट्रेक परिवहन विभाग को अभी तक हैंडओवर भी नहीं किया है। इसके कारण ड्राइविंग टेस्ट आदि लेने में भी परेशानी होती है।
चारदीवारी का अभाव, चौबीस घंटे की चौकीदारी
परिवहन विभाग के ड्राइविंग ट्रेक निर्माण के दौरान उसकी चारदीवारी की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। पहले जो उसकी चारदीवारी थी ट्रेक को रोड से करीब चार से पांच फीट ऊंचा बनाने के कारण दब गई। चारदीवारी के लिए बजट भी नहीं मिला था। इसके कारण वहां की सुरक्षा के लिए चौबीस घंटे कर्मचारी को तैनात रहना पड़ता है। परिवहन विभाग के जानकारों के अनुसार करीब एक माह पहले चारदीवारी निर्माण के लिए 22 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। ऐेसे में अब इसके टेण्डर आदि प्रक्रिया प्रारंभ होगी।
बारिश में होगी सर्वाधिक परेशानी
परिवहन विभाग का ट्रेक बनकर तैयार हो गया, लेकिन बारिश में वहां तक पहुंचना युद्ध जीतने के समान है। स्थिति यह है कि वहां तक पहुंचने के लिए रोड तक नहीं है। रेत के कारण दोपहिया वाहनों के वहां तक पहुंचने में परेशानी हो जाती है। बारिश के दौरान पानी भर जाता है। ऐसे में वहां तक पक्के रोड की दरकार है, आरएसआरडीसी ने इसके लिए 50 लाख का बजट मांगा था, लेकिन अभी तक उसका भी अता-पता नहीं है।