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PATRIKA IMPACT : निजी स्कूल की मनमानी के खिलाफ एकजुट हुए अभिभावक, प्रबंधन से किए तीखे सवाल

locationराजसमंदPublished: Apr 17, 2018 10:17:44 am

Submitted by:

laxman singh

ज्ञापन सौंपा, कोर्ट जाने की दी चेतावनी

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राजसमंद. निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान अभिभावक सोमवार को शहर के रीको एरिया में मार्बल गैंगसा एसोसिएशन कार्यालय के पास संचालित एक निजी स्कूल पहुंचे। यहां प्रबंधन से मनमानी करने पर कई तीखे सवाल पूछे। जिसका प्रबंधन कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। इस पर कुछ असंतुष्ट अभिभावकों ने तो कोर्ट जाने तक की चेतावनी तक दे दी। राजस्थान पत्रिका द्वारा पिछले लम्बे समय से निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ खबरें प्रकाशित की जा रही हैं। सोमवार को ४० से अधिक जागरूक अभिभावक दोपहर दो बजे मार्बल गैंगसा के पास संचालित निजी स्कूल पहुंचे। यहां अभिभावकों ने संचालक को ज्ञापन सौंपकर कई तीखे सवाल किए।
यह किए सवाल
दिए ज्ञापन में अभिभावकों ने लिखा है कि स्कूल द्वारा ली जाने वाली वार्षिक फीस बहुत ज्यादा है। स्कूल प्रशासन ने फीस कमेटी का नियमानुसार निर्धारण नहीं किया है। स्कूल में एनसीआरटी की किताबें चलाई जाएं या फिर नियमानुसार कमेटी बनाकर उसकी राय अनुसार किताबें चलवाई जाएं। स्पोट्र्स फीस के अनुरूप स्पोट्र्स टीचर का अनुपात भी विद्यार्थी के अनुरूप किया जाए। बच्चों से स्पोट्र्स फीस ली जाती है, इसलिए खेल सामग्री स्कूल प्रबंधक ही उपलब्ध करवाए। हर पांच साल में दस परसेंट टयूशन फीस ही बढ़ाई जाए। स्कूल बस की फीस किलोमीटर के हिसाब से ली जाए। स्कूल प्रशासन पढ़ाई और बस की फीस छुट्टी के दिनों की भी लेंते हैं ऐसे में स्कूल में ऐसे में विशेष एक्टिविटीज के दौरान बच्चों से अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाए। आई कार्ड, क्लास फोटो फ्रेम, स्कूल डायरी, स्कूल प्रबन्धक द्वारा निशुल्क दी जाए। बच्चों को पढ़ाने वालो टीचर्स के नाम, योग्यता बोर्ड पर लगाई जाए और कम से कम बीएड वाले टीचर ही लिए जाएं। फीस कमेटी के मेंबर्स की लिस्ट भी नोटिस बोर्ड पर लगवाई जाए, कमेटी गठन की बैठक में सभी अभिभावकों को बुलाया जाए जैसी करीब २० मांगों का ज्ञापन अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन को सौंपकर उनसे इस संबंध में सवाल किए। कई सवालों के जवाब स्कूल प्रबंधन नहीं दे पाया।
कोर्ट जाने चेतावनी
अभिभावक राकेश लड्डा ने बताया कि स्कूल प्रबंधन लगातार मनमानी पर मनमानी किए जा रहा है। स्कूल की बसें धूप में खड़ी रखते हैं और छुट्टी होने पर उन्ही में बच्चे भरकर लाते हैं। छाया तक की व्यवस्था नहीं है और कहते हैं हमारे पास पैसे नहीं हैं। अभिभावकों के एक भी सवाल का इनके पास स्पष्ट जवाब नहीं है। अभिभावकों की कमेटी से अगर कोई अभिभावक साथ आएगा तो ठीक हैं, नहीं तो मैं अकेला ही स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कोर्ट जाउंगा।
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