मुख्यमंत्री जन आवास योजना
पुलिस लाइन के पास मुख्यमंत्री जन आवास योजना में नगर परिषद की ओर से उपलब्ध कराई जमीन पर निजी फर्म द्वारा अफोर्डेबल हाउस बनाए जा रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर आय वालों के लिए 616 और अल्प आय वालों के लिए 456 घर बनाए जा रहे हैं। निर्माण कार्य पिछले तीन साल से चल रहा है, जिसे दिसम्बर, 2021 तक पूरा करना था, लेकिन पिछले साल से मजदूर पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं होने से काम अटका है। कोरोनाकाल से पहले प्रतिदिन भवन पर करीब 400 श्रमिक काम करते थे, जबकि मौजूदा समय में बमुश्किल 150 श्रमिक जुटे हुए हैं। हालांकि राज्य सरकार ने ऐसे निर्माण कार्यों की मियाद को एक साल तक के लिए और आगे बढ़ा दिया है, जिससे ठेकेदार को भी और समय मिल गया है। पूरी योजना करीब 40 करोड़ रुपए की है।
पुलिस लाइन के पास मुख्यमंत्री जन आवास योजना में नगर परिषद की ओर से उपलब्ध कराई जमीन पर निजी फर्म द्वारा अफोर्डेबल हाउस बनाए जा रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर आय वालों के लिए 616 और अल्प आय वालों के लिए 456 घर बनाए जा रहे हैं। निर्माण कार्य पिछले तीन साल से चल रहा है, जिसे दिसम्बर, 2021 तक पूरा करना था, लेकिन पिछले साल से मजदूर पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं होने से काम अटका है। कोरोनाकाल से पहले प्रतिदिन भवन पर करीब 400 श्रमिक काम करते थे, जबकि मौजूदा समय में बमुश्किल 150 श्रमिक जुटे हुए हैं। हालांकि राज्य सरकार ने ऐसे निर्माण कार्यों की मियाद को एक साल तक के लिए और आगे बढ़ा दिया है, जिससे ठेकेदार को भी और समय मिल गया है। पूरी योजना करीब 40 करोड़ रुपए की है।
गौरव पथ के डिवाइडर अधूरे, हादसों का डर
पूर्व में सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से गौरवपथ निर्माण में की गई लापरवाहियों के बाद अब नगर परिषद की ओर से इन मार्गों पर बनाए जा रहे डिवाइडर का काम अधूरा पड़ा है। परिषद का कहना है कि निर्माण के लिए श्रमिक नहीं मिल रहे हैं। शहर में जेके सर्कल से टीवीएस चौराहा, भीलवाड़ा रोड पर प्रतापपुरा फ्लाईओवर से मुखर्जी चौराहा तथा सोमनाथ चौराहा से टीवीएस चौराहा तक तीन गौरवपथ बनाए गए। इनके निर्माण में खामियों और लापरवाही से कई हादसे हो चुके हैं। अब सोमनाथ चौराहा से टीवीएस चौराहे तक डिवाइडर का काम आधा-अधूरा पड़ा है। बीच की सड़क खुदी हुई है, वहीं वाहनों को बचाने के लिए कहीं सीमेंट के कट्टे डाल दिए गए हैं।
पूर्व में सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से गौरवपथ निर्माण में की गई लापरवाहियों के बाद अब नगर परिषद की ओर से इन मार्गों पर बनाए जा रहे डिवाइडर का काम अधूरा पड़ा है। परिषद का कहना है कि निर्माण के लिए श्रमिक नहीं मिल रहे हैं। शहर में जेके सर्कल से टीवीएस चौराहा, भीलवाड़ा रोड पर प्रतापपुरा फ्लाईओवर से मुखर्जी चौराहा तथा सोमनाथ चौराहा से टीवीएस चौराहा तक तीन गौरवपथ बनाए गए। इनके निर्माण में खामियों और लापरवाही से कई हादसे हो चुके हैं। अब सोमनाथ चौराहा से टीवीएस चौराहे तक डिवाइडर का काम आधा-अधूरा पड़ा है। बीच की सड़क खुदी हुई है, वहीं वाहनों को बचाने के लिए कहीं सीमेंट के कट्टे डाल दिए गए हैं।
नाली, सड़क बंद
शहर के सभी 45 वार्डों में नाली-सड़क निर्माण और मरम्मत जैसे प्रस्तावित काम लम्बे समय से बंद पड़े हैं। पहले चुनाव और बाद में कोरोना संक्रमण बढऩे से ये काम आगे नहीं बढ़ सके। ये काम करीब ढाई करोड़ रुपए के हैं। हालांकि परिषद ने आगामी वर्षाकाल को देखते हुए झाडिय़ां कटवाने और नालों की सफाई का काम शुरू करवा दिया है।
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लॉकडाउन की वजह से श्रमिक नहीं लौटे हैं। धीरे-धीरे उनकी आवाजाही शुरू हो रही है, जिससे उम्मीद है कि स्वीकृत कार्य शुरू होंगे।
जनार्दन शर्मा, आयुक्त, नगर परिषद
शहर के सभी 45 वार्डों में नाली-सड़क निर्माण और मरम्मत जैसे प्रस्तावित काम लम्बे समय से बंद पड़े हैं। पहले चुनाव और बाद में कोरोना संक्रमण बढऩे से ये काम आगे नहीं बढ़ सके। ये काम करीब ढाई करोड़ रुपए के हैं। हालांकि परिषद ने आगामी वर्षाकाल को देखते हुए झाडिय़ां कटवाने और नालों की सफाई का काम शुरू करवा दिया है।
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लॉकडाउन की वजह से श्रमिक नहीं लौटे हैं। धीरे-धीरे उनकी आवाजाही शुरू हो रही है, जिससे उम्मीद है कि स्वीकृत कार्य शुरू होंगे।
जनार्दन शर्मा, आयुक्त, नगर परिषद