कोरोना ने बदल दिया ट्रेंड
ऐसा ही एक परिवर्तन किया गया है राखी के त्यौहार को लेकर। कोरोना महामारी के कारण कई बहने अपने भाईयों के कलाई पर राखी बांधने के लिए उनके पास पहुंच नहीं पाएंगी। भाई भी चाहकर अपने बहन के पास राखी बांधवाने नहीं पहुंच पाएंगे। आवागमन ठप रहने से नहीं मिल पाएंगे भाई-बहन देश भर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट कोरोना के कारण ठप पड़ा हुआ है। जिनके पास निजी साधन है तो आना-जाना कर ले रहे, लेकिन दूर-दराज में रहने वालों के लिए कही आना-जाना अभी मुश्किल हो गया है। उसमें भी वर्तमान में जिस हिसाब से देश में कोराना का सामुदायिक संक्रमण बढ़ा है। राज्य सरकारें लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगा रखी है।
संतोष करना मजबूरी
ऐसे में भाई-बहन भी इस त्योहार में एक दूसरे से मिल पाएंगे इसे लेकर संशय बना हुआ है। आकर्षक राखियों के साथ बाजार में उतरी ई-कॉमर्स कंपनियां यूं तो पहले भी अपनी साइटों पर राखी बेचती थी, लेकिन इस बार उनका बाजार ज्यादा तेज है। बाजार, ट्रांसपोर्टिंग पर पाबंदियों के वजह से बहने अभी से अपने भाईयों को ई-कॉमर्स कंपनियों की साइट पर उपलब्ध राखियों भेजने में जुट गई है। हालांकि इन राखियों में भाई-बहिनों को उतना आनंद शायद नहीं मिले, जितना प्रत्यक्ष राखी बंधवाने में मिलता है, किन्तु समय की जरूरत ने ऐसी स्थिति में ही संतोष करना सिखा दिया है।
महंगी होंगी ई राखी
ऑनलाइन बाजार में इस बार भाई-बहनों की तस्वीर वाली कस्टामाइज राखी ट्रेंड कर रही है। अलग-अलग कंपनियां ऐसी राखी 149 रुपये से लेकर हजारों रुपये तक में भाईयों को पहुंचा रही है। इसमें राखी भेजने वाली बहनों को अपने भाई के साथ तस्वीर उपलोड करने का ऑप्शन दिया जा रहा है। इसी तस्वीर को लगाकर तैयार राखी भाईयों तक पहुंचाई जा रही है। जगह के हिसाब से कंपनियां बुकिंग के बाद डिलीवरी का अलग-अलग टाइम दे रही है। समय से भाईयों तक राखी पहुंच जाए इसके लिए बहने अभी से राखी भेजना शुरू कर दी हैं। हालांकि बहनों को इसके लिए बाजार से ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है। पहले बाजार में 10-20 रुपये से राखी मिलना शुरू हो जाता था जो क्वालिटी के हिसाब से ऊंचे दाम तक पर उपलब्ध था, अब ई-कॉमर्स कंपनियों की साइट पर राखी औसतन डेढ़ सौ रुपये में एक मिल पा रहा है।