scriptपांच लौह अयस्क खनन कंपनियों का पट्टा रद्द,शाह ब्रदर्स समेत अन्य 13 कंपनियों के मामले में भी सुनवाई पूरी | Lease of five iron ore mining companies cancelled in jharkhand | Patrika News

पांच लौह अयस्क खनन कंपनियों का पट्टा रद्द,शाह ब्रदर्स समेत अन्य 13 कंपनियों के मामले में भी सुनवाई पूरी

locationरामगढ़Published: Jan 02, 2019 07:49:54 pm

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Prateek

खनन निदेशक ने बताया कि गुमला के दो, रामगढ़, रांची और लोहरदगा में एक-एक पत्थर खनन की ई-ऑक्शन की प्रक्रिया चल रही है…

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(रांची,रामगढ़): राज्य सरकार ने लीज शर्तों की अनदेखी और नियमों के उल्लंघन के आरोप में पांच कंपनियों के लौह अयस्क खनन पट्टे को रद्द कर दिया है। खान विभाग के निदेशक जिशान कुमार ने बुधवार को रांची के नेपाल हाउस स्थित राज्य सचिवालय में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि शाह ब्रदर्स समेत 13 अन्य लौह अयस्क खनन कंपनियों द्वारा भी नियमों की अनदेखी और लीज शर्तों के उल्लंघन मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है।


खान निदेशक ने बताया कि पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत लौह अयस्क-मैंगनीज पट्टेधारियों के पांच लीज को कैंसिल किया गया है, इनमें मेसर्स जेनरल प्रोड्यूस कंपनी करमपदा (70.65हेक्टयर), मेसर्स जेनरल प्रोड्स कंपनी घटकुरी (163.98हेक्टयर), रेवती रमन प्रसाद एवं आनंद वर्धन प्रसाद इतरबालजोरी (36.737हेक्टयर), रेवती रमन प्रसाद एवं आनंद वर्धन प्रसाद मेरगढ़ा(62.43हेक्टयर),नोबामुंडी और कमलजीत सिंह आहुलवायि बराईबुरू (250.73हेक्टयर) टाटिबा शामिल है।


उन्होंने बताया कि शाह ब्रदर्स समेत 13 अन्य पट्टेधारियों को 60 दिनों के वैधानिक नोटिस पर राज्य सरकार द्वारा कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। उन्होंने बताया कि जिन कंपनियों का खनन पट्टा रद्द किया गया है या जिन्हें नोटिस दिया गया है, उन सभी पर एमसीआर एक्ट और केंद्र सरकार द्वारा जारी विभिन्न दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का आरोप है।


खनन निदेशक ने बताया कि गुमला के दो, रामगढ़, रांची और लोहरदगा में एक-एक पत्थर खनन की ई-ऑक्शन की प्रक्रिया चल रही है, इसके अलावा सात अन्य स्टोर ब्लॉक की ई-ऑक्शन की प्रक्रिया 15 जनवरी तक शुरू हो जाएगी। इस तरह से जनवरी महीने में 12 स्टोन ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

 

उन्होंने बताया कि कैटेगिरी-2 के सभी बालू घाट का ऑक्शन भी जल्द किया जाएगा, अभी 2 बड़े बालू घाटों का ऑक्शन हो चुका है, जबकि कैटेगिरी-1 में एमएमडीआर नीति के तहत बालू खनन रॉयल्टी मुक्त होगा और 100 रुपये प्रति घन फीट पर निजी व अन्य सामुदायिक एवं सरकारी भवन निर्माण के लिए किया जाएगा, इस तरह के बालू घाटों में मशीन का उपयोग नहीं किया जाना है, वहीं परिवहन भी सिर्फ ट्रैक्टर के माध्यम से होगा और यह पूरी तरह से पंचायतों की देखरेख में होगा।

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