जेल से रिहा होने के बाद रामपुर पहुंच अब्दुल्ला आजम ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां हमसे आतंकियों से भी बुरा बर्ताव किया जाता था। उन्होंने कहा कि पुलिस सिर्फ रामपुर वालों की हड्डियां तोड़ने के साथ भैंस-बकरी चोरी के मामलों में लोगों को जेल भेजने के लिए है। उन्होंने बताया कि 8 बाई 10 की कोठरी में महज 2 फुट का टॉयलेट था। आज भी उनके वालिद 8 बाई 8 की तन्हाई बैरक में बंद हैं। वह भी एक ऐसे केस में, जिसमें सात लोग एंटीसिपेटरी बेल पर बाहर हैं। सिर्फ मेरे वालिद जेल में बंद हैं। अब्दुल्ला आजम खान ने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल के नाम पर भी उनका शोषण किया जाता था। जेल प्रशासन परिवार वालों से भी मिलने नहीं देता था।
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टूटेगी मायावती और अखिलेश की परंपरा, योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से लड़ेंगे विधानसभा चुनाव सभी 43 मुकदमों में मिली जमानत बता दें कि सांसद आजम खान रामपुर शहर सीट से 9 बार विधायक का चुनाव जीते हैं। उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातिमा निवर्तमान शहर विधायक हैं। आजम खान का प्रभाव ही था कि उन्होंने 2017 में बेटे अब्दुल्ला आजम खान को स्वार विधानसभा से चुनाव जिताया था। लेकिन, अब्दुल्ला आजम खान की उम्र को लेकर उठे विवाद के बाद हाईकोर्ट ने विधायकी रद्द कर दी थी। इसके बाद अब्दुल्ला आजम खान पर एक के बाद एक 45 मुकदमे दर्ज किए गए। हालांकि दो मुकदमों में नामजदी झूठी पाए जाने पर 43 मुकदमे ही रह गए। अब इन सभी मुकदमों में अब्दुल्ला आजम खान को जमानत रिहा कर दिया गया है।
26 फरवरी 2020 को आजम खान ने पत्नी डॉ. तजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम खान के साथ कोर्ट में सरेंडर किया था, जिसके बाद तीनों को जेल भेज दिया गया था। विधायक डॉ. तजीन फातिमा फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। जबकि अब्दुल्ला आजम खान 23 महीने बाद जमानत पर रिहा किए गए हैं। वहीं, सांसद आजम खान सीतापुर की जेल में ही बंद हैं। बता दें कि अब्दुल्ला आजम खान को सभी मुकदमों में पहले ही जमानत मिल गई थी, लेकिन आजम खान की तबीयत खराब रहने के चलते वह जेल में ही थे। अब विधानसभा चुनाव के चलते वह जेल से बाहर आ गए हैं।