दरअसल, समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान गृह जनपद रामपुर से सांसद हैं। आजम रामपुर शहर विधानसभा सीट से 9 बार चुनाव जीत चुके हैं। वहीं उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातिमा वर्तमान में शहर विधायक हैं। जिले में आजम खान का प्रभाव ही था कि उन्होंने 2017 के चुनाव में बेटे अब्दुल्ला आजम को स्वार विधानसभा से चुनाव लड़वाकर जीत दिलवाई थी, लेकिन उनकी उम्र को लेकर हुए विवाद के बाद हाईकोर्ट ने विधायकी रद्द करते हुए उनके निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया था। इसके साथ ही अब्दुल्ला आजम के खिलाफ स्वार, रामपुर सिविल लाइंस और अजीमनगर समेत जिले भर के थानों में 45 मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिनमें से दो मुकदमों में नामजद झूठी पाई गई तो 43 मुकदमे बाकी रह गए।
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सीएम योगी अयोध्या से लड़ेगे चुनाव, डिप्टी सीएम केशन के भी सीट तय, जानें क्या है भाजपा का मास्ट प्लान पिता का गढ़ बचाने की जिम्मेदारी अब्दुल्ला आजम पर बता दें कि 26 फरवरी 2020 को आजम खान के साथ पत्नी डॉ. तजीन फातिम और बेटे अब्दुल्ला आजम ने अदालत में सरेंडर किया था। शहर विधायक डॉ. तजीन फातिमा जहां जमानत पर बाहर हैं। वहीं आजम खान और अब्दुल्ला आजम करीब 23 महीने से सीतापुर की जेल में बंद हैं। अब्दुल्ला आजम को उनके खिलाफ दर्ज सभी केस में पहले ही जमानत मिल चुकी थी, लेकिन वह पिता आजम खान की तबीयत नासाज होने के चलते बाहर नहीं आए थे। अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 का की तारीखों का ऐलान हो चुका है। रामपुर दूसरे फेज में 14 फरवरी को मतदान होगा। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अब्दुल्ला आजम पिता आजम खान का गढ़ बचाने के लिए जेल से बाहर आने वाले हैं।
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BJP के 150 उम्मीदवारों पर लगी मोहर, नहीं कटेंगे विधयाकों के टिकट, जानें क्या चल रहा गुणाभाग जेल से बाहर निकालने की कवायद तेज अब्दुल्ला आजम खान को जेल से बाहर निकालने की कवायद भी तेज हो गई है। उनके अधिवक्ता ने 9 मुकदमों में जमानती एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किए, जिसके बाद कोर्ट ने 9 मामलों में रिहाई परवाना जारी किया है। रिहाई के परवाने का आदेश सीतापुर जेल भेज दिया गया है। माना जा रहा है कि अब्दुल्ला आजम जल्द ही जेल से बाहर होंगे और यूपी चुनाव में जोरआजमाइश करते भी नजर आएंगे।