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6 महीने पहले आजम खान दोषी साबित, विधायकी गई, उप-चुनाव हुए, अब कोर्ट ने कहा-निर्दोष हैं ; क्या विधायकी वापस आएगी?

locationरामपुरPublished: May 24, 2023 02:46:56 pm

Submitted by:

Upendra Singh

Azam Hate Speech Case: सपा नेता विधायक आजम खान को हेट स्पीच केस में बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने सपा नेता को बरी कर दिया है। इस मामले में निचली अदालत ने आजम खान के खिलाफ 27 अक्टूबर 2022 को तीन साल का सजा सुनाया था। इसके बाद ‌उनकी विधायकी चली गई थी। रामपुर में उप-चुनाव हुआ और बीजेपी के आकाश सक्सेना विधायक बने। अब सवाल उठता है कि क्या आजम की विधायकी वापस होगी?

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सपा नेता और पूर्व विधायक आजम खान।

रामपुर के MP-MLA सेशन कोर्ट ने आजम को दोषमुक्त किया
रामपुर की MP-MLA स्पेशल कोर्ट में बुधवार को आजम खान के हेट स्पीच केस में सुनवाई हुई। कोर्ट ने आजम खान को इस मामले में बरी कर दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद आजम खान के वकील विनोद शर्मा ने मीडिया को बताया, “हमें न्यायालय द्वारा दोष मुक्त कर दिया गया है। हेट स्पीच वाले मामले निचली अदालत ने सजा सुनाई गई थी, अब कोर्ट ने उसी मामले में हमें निर्दोष बता दिया है। जो 185 से संबंधित मुकदमें थे, कोर्ट का उसमें फैसला आया है।”

साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खान पर भड़काऊ भाषण में रामपुर कीMP-MLA मजिस्ट्रेट‌ कोर्ट ने दोषी पाया था। कोर्ट ने 3 साल की सजा और 25 हजार का जुर्माना लगाया था। तब सजा के एलान के कुछ ही समय बाद आजम खान को जमानत भी मिल गई थी। आजम खान को धारा 153A, 505A और 125 के तहत दोषी पाया गया था।
आजम खान की चली गई थी विधायकी
28 अक्टूबर 2022 को आजम खान की विधायकी चली गई। चुनाव आयोग को सेशन कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव तारीखों का ऐलान का आदेश दिया था। 5 दिसंबर को रामपुर में उप-चुनाव की वोटिंग हुई। 8 दिसंबर को रिजल्ट आया। बीजेपी के आकाश सक्सेना ने आजम खान के करीबी आसिम राजा को 34 हजार 236 वोटों के अंतर से हरा दिया।

छह महीने बीतने के बाद रामपुर की MP-MLA कोर्ट ने बुधवार यानी 24 मई 2023 को आजम खान को दोष मुक्त कर दिया। अब सवाल उठता है कि क्या उनकी विधायकी वापस होगी? तो इसका जवाब है कि अब उनकी विधायकी वापस नहीं होगी। न ही ये अभी चुनाव लड़ने के योग्य हुए हैं, क्योंकि उन्हें छजलैट में धरना-प्रदर्शन करने के मामले में दो साल की सजा हुई है। अगर आजम को इस मामले में दो साल की सजा नहीं हुई होती तो चुनाव लड़ने योग्य हो जाते। अभी भी 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते।

इस बारे में राष्ट्रीय सहारा के वरिष्ठ पत्रकार ने बताया, “भारतीय जनप्रतिनिधित्व कानून के 1989 के अनुसार- कोर्ट से जरूर दोषमुक्त हो गए हैं, लेकिन उनकी विधायकी वापस नहीं होगी, क्योंकि रामपुर में उप-चुनाव हो चुका है। अगर ये फैसला चुनाव होने से पहले आता तो उनकी विधायकी वापस हो सकती थी।”
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