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कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक लेने वाले लाभार्थियों से आज बात करेंगे पीएम मोदी, तीन जगहों पर होगा संवाद दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम अब्दुल्लाह के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में सीतापुर जेल में बंद सांसद आजम खान, पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम की जमानत अर्जी अक्टूबर 2020 में मंजूर कर ली थी और तत्काल रिहा करने के आदेश जारी किए गए थे। इसके खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए जमानत रद्द करने के लिए याचिका डाली थी। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में सपा सांसद आजम खान, पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्लाह आजम खान को हाईकोर्ट से मिली जमानत को रद्द करने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की हाईकोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि हमारे मुताबिक हाईकोर्ट के आदेश में कुछ भी गलत नहीं है। इसलिए हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने का कोई कारण नहीं बनता है।
ये है मामला बता दें कि अब्दुल्लाह आजम पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र का फायदा उठाकर विधानसभा चुनाव लड़ने का आरोप लगा है। हाईकोर्ट ने उनका चुनाव निरस्त करते हुए विधायकी भी खत्म कर दी थी। वहीं, इस मामले में अब्दुल्लाह आजम का कहना था कि जन्म प्रमाणपत्र बनवाने मे उनकी कोई भूमिका नहीं है। इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। वहीं, तंजीम फातिमा ने महिला होने के कारण जमानत मांगी थी। इसलिए कोर्ट ने दोनों को तत्काल रिहा करने के आदेश दिए। जबकि सांसद आजम खान को शिकायतकर्ता के बयान दर्ज होने के बाद रिहा करने का आदेश दिए गए थे।