इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी से रामपुर सांसद आजम खान ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि वे और उनकी पार्टी सिर्फ उन्हीं बातों का समर्थन करते हैं और मानते हैं जो कुरान में लिखी हैं। यह मसला पूरी तरह से धार्मिक है और इसका राजनीति से कोई भी लेना-देना नहीं है। मुसलमानों के लिए कुरान से बढ़कर कुछ भी नहीं है। कुरान में शादी के लिए, तलाक के लिए सभी बातों के निर्देश साफतौर पर दिए गए हैं और हम उनका ही पालन करते हैं।
आजम ने कहा कि इस्लाम में जितने अधिकार महिलाओं को दिए जाते हैं, उतने किसी और धर्म में नहीं दिए जाते। 1500 वर्ष पहले इस्लाम अकेला ऐसा धर्म था, जिसमें महिलाओं को समान अधिकार दिए गए थे। आज के समय में इस्लाम में ही तलाक और महिलाओं के प्रति हिंसा की खबरें सबसे कम सुनने को मिलती हैं। इसमें महिलाओं की जलाया या उनकी हत्या नहीं की जाती।