आजम खान ने कहा कि मतदान के तुरंत बाद जब ईवीएम मशीन को पीठासीन अधिकारी सील करता है, तब एक कागज ईवीएम में लगा होता है उस पर अपना सिग्नेचर करता है, ताकि गणना के दौरान अपने किए सिग्नेचर को चेक कर सके। यह दुर्भाग्य है कि वह पीठासीन अधिकारी वहां पर मौजूद नहीं होगा। जहां वोटों की गिनती की जाएगी। हमारा आरोप है कि कुछ न कुछ गड़बड़ी जरूर करने का रास्ता साफ हो गया है। वह सिग्नेचर सिर्फ और सिर्फ इसलिए होता है कि जब ईवीएम वोटों की गिनती के लिए आए तब वही पीठासीन अधिकारी अपने किए सिगनेचर को मिला सके, लेकिन ऐसा होता ही नहीं है। अब उन पीठासीन अधिकारी की ड्यूटी वहां नहीं होगी तो मशीनों की अदला-बदली हो सकती है उसका जिम्मेदार कौन होगा। इसलिए वोटों की गिनती से पहले चुनाव आयोग को कोई ना कोई ऐसा निर्णय लेना चाहिए, ताकि निष्पक्षता बनी रहे।
सपा नेता आजम खान ने जिला जिलाधिकारी को साफ कहा है कि खबरदार वोटों की गिनती से पहले कुछ ऐसा कर लिया जाए, ताकि की निष्पक्षता बनी रहे। पहला राउंड क्लियर होने के बाद ही दूसरे राउंड की ईवीएम को उठाकर मतगणना के लिए लाया जाए। तब तक के लिए दूसरी राउंड की मशीनों को नहीं छूना चाहिए। सपा नेता आजम खान ने कहा कि अगर बेईमानी करने की कोशिश की गई या बेईमानी करके भाजपा के प्रत्याशी को जिता दिया तो अंजाम बुरा होगा।