scriptतीन पीढ़ी से पुतले बनाकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करने वाले एम खान के सामने आर्थिक संकट | Economic crisis in front of M Khan who created effigies of Ravana | Patrika News

तीन पीढ़ी से पुतले बनाकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करने वाले एम खान के सामने आर्थिक संकट

locationरामपुरPublished: Oct 24, 2020 03:49:17 pm

Submitted by:

lokesh verma

Highlights
– रामपुर के राजू भाई ने 60 से 70 पुतलों की जगह बनाए सिर्फ तीन पुतले
– रामलीला की अनुमति देर मिलने के कारण नहीं बना पाए रावण के ज्यादा पुतले
– कोराेना लॉकडाउन के चलते काम पर पड़ा बहुत असर

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रामपुर. कोराेना महामारी के चलते जहां देशभर लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। वहीं, त्योहारी सीजन में कमाने वालों पर भी इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है। महामारी के इस दौर कोविड-19 की गाइडलाइंस के तहत ही कार्यक्रमों के आयोजनों की अनुमति दी गई है। यही वजह है कि हर साल विजयदशमी पर जगह-जगह फूंके जाने वाले रावण के पुतलों की संख्या सिमट गई है। इसके चलते पुतले बनाने वालों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
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यूपी के रामपुर जिले के रहने वाले एम खान उर्फ राजू भाई हर साल दशहरे पुतले बनाकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने नाम मात्र के पुतले ही बनाए हैं। इस बार उन्होंने इतने पुतले भी नहीं बनाए हैं कि परिवार का पेट पाल सकें। राजू कहते हैं कि रावण के पुतले बनाने का काम रामलीला शुरू होने से भी कई महीने पहले ही शुरू हो जाता है, ताकि वह रावण के पुतले के सभी ऑर्डर को समय से पूरा कर सकें। लेकिन, इस बार कोरोना लॉकडाउन के चलते पुतलों की मांग में काफी कम है। वह हर साल जहां 60 से 70 पुतले बनाते थे, वहीं इस साल केवल तीन ही पुतले ही बनाए हैं।
उन्होंने बताया कि इस बार पुतले बनाने के लिए समय भी नहीं मिला है। राजू ने बताया कि इस साल तो रामलीला को लेकर भी असमंजस की स्थिति थी। अब जब रामलीला के लिए अनुमति मिल गई है तो हर जगह रामलीला हुई और लोगों ने कम वक्त में ही पुतले बनाकर देने की मांग की। लेकिन, इतने कम समय में वह दो-तीन पुतले से ज्यादा नहीं बना सकते हैं। राजू बताते हैं कि इस बार केवल तीन रावण के पुतले ही तैयार किए हैं, जिसमें उनका परिवार सहयोग कर रहा है। जबकि पहले इस काम के लिए उन्हें अन्य लोगों को भी इस काम में लगाना पड़ता था। उन्होंने बताया कि एक पुतले को बनाने से लेकर सुखाने और उसमें पटाखे लगाने में काफी वक्त लगता है।
बता दें कि रामपुर के राजू भाई की चार पीढ़ी रावण के पुतले बनाने के कार्य में लगी हैं। राजू भाई ने बताया कि उनके दादा, उनके पिता और अब उनका बेटा रावण के पुतले बनाने का कार्य करते आ रहे हैं। वह खुद उत्तर प्रदेश की रामलीला के लिए रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले बनाते हैं। वहीं राजू भाई का एक भाई उत्तराखंड में होने वाली रामलीलाओं के लिए पुतले तैयार करता है।
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