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नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सहारनपुर के जवान की गोली लगने से मौत उल्लेखनीय है कि 21 दिसंबर 2019 को सीएए और एनआरसी के विरोध में रामपुर में हिंसा भड़क गई थी। उस दौरान हाथीखाना चौराहे पर कुछ लोगों ने पुलिस के वाहन फूंक दिए थे और जमकर बवाल हुआ था। उस दौरान सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया गया था। हिंसा के बाद पुलिस ने कई नामजद के साथ हजारों अज्ञात लोगाें पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था। अब तक रामपुर पुलिस हिंसा के मामले में डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज चुकी है। इसके साथ ही दो सौ से अधिक के खिलाफ चार्जशीट लगाई गई है।
बता दें कि हाल ही में रामपुर पुलिस ने शहर के इमाम महबूब अली समेत कई उलेमाओं को नोटिस जारी किया था। पुलिस के नोटिस को लेकर भी उलेमाओं का विवाद हुआ। जमीयत उलमा-ए-हिंद के जिला महासचिव मौलाना अंसार के साथ फरहत जमाली ने पुलिस अधीक्षक पर दुर्व्यवहार के आरोप लगाए, जिससे एसपी ने इनकार किया। पुलिस नोटिस के बाद अब तक पांच उलेमाओं के बयान ले चुकी है। फरहत जमाली को भी बयान देने के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने जवाब देना उचित नहीं समझा, जिसके बाद शनिवार की सुबह उन्हें घर से गिरफ्तार कर लिया गया।
मस्जिदों से हाफिज साहब की दरगाह पहुंचने की अपील बताया जा रहा है कि गंज और शहर कोतवाली में दर्ज केसों की जांच के बाद जमाली को हिंसा का मास्टरमाइंड पाया गया है। हाफिज साहब की दरगाह के सज्जादा नशीन फरहत जमाली की गिरफ्तारी के बाद कुछ मस्जिदों से हाफिज साहब की दरगाह पहुंचने की अपील की गई है। इसे देखते प्रशासन ने जगह-जगह पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि बरेली से आए मौलाना तौकीर रजा ने दरगाह पर नमाज पढ़ने के बाद कहा था कि जमाली को परेशान किया गया तो प्रदेशभर में आंदोलन होगा।