आजम खान और रिटायर्ड सीओ आले हसन के खिलाफ केस दर्ज कराने वाली किसान महिलाओं की ‘पत्रिका’ से विशेष बातचीत
बोलीं- पुलिसवालों ने घर में घुसकर हमें जमकर पीटा और घर में रखे सामान समेत रुपया पैसा सब लूटकर ले गए
एसपी डॉ. अजय पाल शर्मा ने मुकदमों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया
Exclusive: पीड़ित महिलाएं बोलीं- आजम खान के खौफ के कारण घर छोड़ बिना कुछ खाए जंगल में बिताने पड़े कई सप्ताह
रामपुर. सांसद आजम खान समेत उनके करीबी रिटायर्ड सीओ आले हसन के खिलाफ किसानों की जमीन कब्जाने के आरोप में अब तक 23 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। आरोप है कि आजम खान अपने रसूख चलते पुलिस की मदद से किसानों को घर से उठवाकर अजीमनगर थाने ले गए थे। जहां राजस्व अधिकारियों को बुलाकर किसानों के अंगूठे और हस्ताक्षर लेते हुए उनकी जमीन कब्जा ली। सत्ता बदल जाने के बाद अब पीड़ित किसानों ने आजम खान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एक के बाद एक किसान पुलिस अधिकारियों के पास पहुंचकर आजम खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा रहा है। इसको लेकर ‘पत्रिका’ टीम ने सीधे पीड़ित किसानों से बात करते हुए उनकी आपबीती जानने का प्रयास किया है।
आजम खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाली एक पीड़ित किसान महिला रेशमा पत्नी जाकिर ने ‘पत्रिका’ टीम को बताया कि सपा के शासनकाल में जब हमारी जमीन कब्जाई जा रही थी, तब हमने विरोध किया था। उन्होंने हमारे घरों में पुलिस भेज दी। पुलिसवालों ने घर में घुसकर हमें जमकर पीटा और घर में रखे सामान समेत रुपया पैसा सब लूटकर ले गए। उस दौरान हमारी रिपोर्ट तो दर्ज हुई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि अब पुलिस हमारी सुन रही है और हमें उम्मीद है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में आजम खान जैसे नेता पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
घरों पर पुलिस ने कर लिया था कब्जा वहीं पीड़िता नईमा पत्नी मोहम्मद रजा ने बताया कि उस दौरान हमें घर छोड़कर डर के मारे कई सप्ताह तक जंगलों में रहना पड़ा था। हम उस दौरान हमे बिना खाना खाए सोना पड़ा था। क्योंकि हमारे घर पर पुलिस ने कब्जा कर रखा था। बस हमारा यह कसूर था कि हमने आजम खान के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की थी। हमने प्रदर्शन किया तो उन्होंने पथराव के साथ लाठीचार्ज किया व आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इसके बाद तमाम लोगों को जेल भेज दिया गया था। उसके बाद में हम शांत होकर बैठ गए, लेकिन अब योगी सरकार में हमें उम्मीद जगी है। पुलिस हमारी तहरीर पर कार्रवाई कर रही है।
azam khan ने मोदी-योगी को नहीं बल्कि नेहरू, पटेल को ठहराया जिम्मेदार 14 साल से नहीं देखी अपनी जमीन एक अन्य पीड़िता ने बताया कि घर में न खाने को रोटी है और न ही पहनने को कपड़ा। छोटे-छोटे बच्चे स्कूल भी समय पर नहीं जा पाते हैं, क्योंकि हमारी जमीन पर हमें जाने नहीं दिया जा रहा है। पिछले 14 साल से अपनी जमीन नहीं देखी है, क्योंकि आजम खान ने उस जमीन के चारों तरफ दीवार खड़ी कर दी है। जमीन कागज में तो हमारी है, लेकिन कब्जा आजम खान का है। अगर पुलिस निष्पक्षता से जांच करेगी तो हमें एक दिन न्याय जरूर मिलेगा। योगी सरकार की पुलिस से हमें न्याय की पूरी उम्मीद है। इसलिए हमने आजम खान के खिलाफ अब थाने में अपनी शिकायत दी है।
अजीमनगर थाना प्रभारी राजीव कुमार ने बताया कि किसानों के साथ कुछ महिलाएं आई थीं। उन्होंने लिखित तहरीर देते हुए आजम खान और रिटायर्ड सीओ आले हसन के साथ तत्कालीन एसएचओ कुशलवीर सिंह का नाम भी मुकदमे में दर्ज कराया है। बता दें कि अब तक रामपुर सांसद आजम खान उनके करीबी रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर सीओ सिटी रहे आले हसन के खिलाफ 23 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इस मामलों को लेकर एसपी डाॅ. अजय पाल शर्मा ने बकायदा इन मुकदमों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है, जिसमें एक इंस्पेक्टर और चार दरोगा शामिल हैं। यह टीम आजम खान समेत जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रही हैं उनकी निष्पक्ष जांच करके कोर्ट में पेश करेंगे। इसके लिए टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। बताया जा रहा है कि जल्द ही बड़े स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।