सूत्रों के अनुसार, यूपी सरकार जल्द ही इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर करेगा। बता दें कि आजम खान के खिलाफ कई मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। हेट स्पीच के जिस मामले में उन्हें बरी किया गया है, वह 2019 का है। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम पर जनसभाओं में भड़काऊ भाषण का आरोप लगा था। उनके खिलाफ मिलक कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
3 साल की सुनाई गई थी सजा
इस मामले में पिछले साल 27 अक्टूबर 2022 को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल ने उन्हें तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। साथ ही जुर्माना भी लगाया था। इसके साथ ही उन्हें अपील के लिए समय देते हुए जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इस वजह से उन्हें गत वर्ष अक्टूबर में विधानसभा सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था।
इस मामले में पिछले साल 27 अक्टूबर 2022 को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल ने उन्हें तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। साथ ही जुर्माना भी लगाया था। इसके साथ ही उन्हें अपील के लिए समय देते हुए जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इस वजह से उन्हें गत वर्ष अक्टूबर में विधानसभा सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था।
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आजम ने फैसले के खिलाफ की थी अपीलसजा के फैसले के खिलाफ आजम खान ने सेशन कोर्ट में अपील की थी। बुधवार को इस अपील पर फैसला आजम के पक्ष में आया। उन्हें हेट स्पीच मामले में बरी कर दिया गया। आजम को बरी किए जाने के बाद समाजवादी पार्टी अक्रामक मुद्रा में है। पार्टी की ओर से आजम की विधानसभा सदस्यता बहाल करने की मांग की जा रही है। उधर, सरकार सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी में हैं। बता दें कि 90 दिन की समयावधि अपील के लिए होती है।