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खनन कारोबारी को झूठे केस में फंसाने की सीएम से शिकायत, 14 पुलिसकर्मियों पर गिर सकती है गाज

locationरामपुरPublished: Oct 31, 2021 12:24:59 pm

Submitted by:

lokesh verma

खनन कारोबारी को पुलिस ने फर्जी मुकदमे में फंसा दिया और उसकी गिरफ्तारी भी कर ली। इतना ही नहीं थाने में खनन कारोबारी से मारपीट की गई और उससे 10 लाख रुपये भी वसूल लिए। खनन कारोबारी ने शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की, जिसके बाद लखनऊ से आदेश मिलने पर डीआईजी प्रकरण की जांच कर रहे हैं।

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रामपुर. रस्सी को सांंप और सांप को रस्सी बनाने में माहिर खाकी का एक और कारनामा सामने आया है। खाकी के जुल्म का शिकार अब एक खनन कारोबारी हुआ है। खनन कारोबारी को पुलिस ने फर्जी मुकदमे में फंसा दिया और उसकी गिरफ्तारी भी कर ली। इतना ही नहीं थाने में खनन कारोबारी से मारपीट की गई और उससे 10 लाख रुपये भी वसूल लिए। खनन कारोबारी ने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की, जिसके बाद लखनऊ से आदेश मिलने के बाद डीआईजी प्रकरण की जांच कर रहे हैं। जांच में अगर आरोपी 14 पुलिसकर्मियों पर फंसते हैं तो उन पर गाज गिरना तय है।
बता दें कि खनन कारोबारी की शिकायत पर पुलिस अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच शुरू हो गई है। पूरे प्रकरण की जांच डीआइजी मुरादाबाद शलभ माथुर कर रहे हैं। शिकायत में खनन कारोबारी ने मारपीट करने, 10 लाख रुपये वसूलने और झूठे मुकदमे में फंसाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व एसपी पर भी आरोप लगाया गया है।
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ये है मामला

दरअसल, कृष्णा विहार ज्वालानगर निवासी संजीव गुप्ता पुत्र ओम प्रकाश गुप्ता ने आरोप लगाया कि चार अप्रैल 2021 की रात 11.30 बजे एसओजी प्रभारी पुलिस टीम के साथ उनके घर आए और उन्हें जबरन घर से ले गए। उन्हें एसपी आफिस ले जाया गया। वह पहले भी एसपी के पास आते रहे हैं, लेकिन उस रात एसपी ने उनके साथ मारपीट की। मोबाइल जब्त कर लिए। उनसे 10 लाख रुपये की मांग की। रुपये न देने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई। जान बचाने के लिए उन्होंने स्वजन से 10 लाख रुपये मंगवाकर दे दिए। इसके बाद भी उन्हें आबकारी अधिनियम और पुलिस के साथ मुठभेड़ के एक झूठे मुकददमे में फंसा दिया गया। इस मुकदमे में कुछ और लोग भी शामिल दिखाए गए। मुकदमे की लिखा-पढ़ी मिलक कोतवाली में की गई, जिसमें गिरफ्तारी छह अप्रैल को रठौंडा धमोरा रोड श्यामपुर चौराहे के पास दिखाई गई।
जांच के बाद दोषी पाए जाने पर होगी कार्रवाई

संजीव गुुप्ता ने शिकायत के साथ कुछ साक्ष्य भी अधिकारियों को उपलब्ध कराए हैं। जिनके आधार पर डीआइजी ने जांच शुरू कर दी है। इस संबंध में 14 पुलिसकर्मियों को बयान के लिए भी तलब किया गया है। इस बारे में जब डीआईजी मुरादाबाद शलभ माथुर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों पर लगे आरोपों की जांच की जा रही है। जांच में आरोप सही पाए गए तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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