जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना कब हुई थी? रामपुर मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर तहसील सदर के गांव आलियागंज के नजदीक 18 सितम्बर 2006 में मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय का शिलान्यास तत्कालीन समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने किया था। उस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव अपने 52 मंत्रियों के समूह साथ रामपुर आए थे और भव्य कार्यक्रम के दौरान जौहर विश्विद्यालय की स्थापना की थी।
यह भी पढ़ें- UP Foundation Day : जानें- क्यों मनाते हैं यूपी स्थापना दिवस, इस बार क्या है खास? जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर क्यों हुआ विवाद? जौहर विश्वविद्यालय की जमीन को लेकर शुरू से ही विवाद रहा है। यहां के किसानों ने अपनी जमीन कब्जाने के आरोप लगाए थे। वर्ष 2019 में कुल 26 किसानों ने जमीन कब्जाने को लेकर मुकदमे दर्ज कराए थे। इसके चलते रामपुर के जिला प्रशासन ने सांसद आजम खान को भूमाफिया तक घोषित कर दिया था। प्रशासन किसानों को उनकी जमीन पर कब्जा वापस दिला दिया है। इसके साथ ही चकरोड की जमीन पर भी कब्जे का आरोप था, जिसे यूनिवर्सिटी की दीवारों को तोड़कर खुलवाया गया है। सांसद आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी को अब योगी आदित्यनाथ की सरकार कब्जे में लेने की तैयारी कर रही है। इसको लेकर जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह शासन को रिपोर्ट भेज चुके हैं।
जौहर यूनिवर्सिटी की कितनी जमीन और कितना इंफ्रास्ट्रक्चर जौहर यूनिवर्सिटी 184.5 एकड़ जमीन पर बनी है। स्थापना के दौरान तत्कालीन सरकार ने जौहर ट्रस्ट को साढ़े 12 एकड़ जमीन खरीदने की शर्तों के अनुसार छूट दी थी, लेकिन उस दौरान अनियमितता की शिकायत 2019 में की गई। डीएम ने एसडीएम सदर से पड़ताल कराई तो आरोप सही पाए गए। इस मामले में एडीएम (प्रशासन) की कोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी की साढ़े 12 एकड़ जमीन छोड़कर शेष को राज्य सरकार के नाम पर दर्ज कर लिया है। बता दें कि यूनिवर्सिटी में करीब तीन हजार बीघा जमीन पर सांसद आजम खान का निजी ट्रस्ट बनाया गया है। यहां करोड़ों रुपए खर्च कर आलीशान इमारतें बनाई गई हैं। इसके अलावा यूनिवर्सिटी कैम्पस में तीन विशाल और भव्य मस्जिदें भी बनाई गई हैं। साथ ही कई अलग-अलग फेकल्टीज भवन भी बनाए गए हैं।
जौहर यूनिवर्सिटी में कितने छात्र पढ़ते हैं और कौन से कोर्स संचालित हैं? दरअसल, जौहर यूनिवर्सिटी में बरेली, कानपुर, मुरादाबाद के अलावा दूर-दराज के छात्र पढ़ने आते हैं, जिनकी संख्या तकरीबन 3000 हजार है। वहीं, जौहर यूनिवर्सिटी में कोर्स की बाद करें तो यहां बीए, बीकॉम के अलावा इंजीनियरिंग और मेडिकल तक की पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध है।