दवा पीते ही चली गयी दो दोस्तों की जान, जानिए क्या है ये जहरीली दवा
ये है मामला
मेमोरेंडम में कहा गया है कि हम लोग 50-60 वर्षों से तहसील सदर ग्राम ताशका में रहते थे उपरोक्त ज़मीन हमारे पूर्वजों को रहने के लिए ग्राम समाज ने पट्टे पर दी थी। जिसमें हम लोग पीढ़ी दर पीढ़ी रह रहे थे तथा दिनांक 26/11/2011 पत्रांक 415 डूडा विभाग के माध्यम से आईएसएसडीपी योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले आवासहीन गरीबों को उनकी जमीन पर सर्वेक्षण के बाद मकान बनाकर दिए थे। जिसका आवंटन पत्र भी हमारे पास मौजूद है साथ ही कुछ लोगो ने मेहनत मज़दूरी करके पाई-पाई जोड़कर वहां पक्के मकान बनाए थे। अचानक मई 2013 में तत्कालीन सीओ आलेहसन, पूर्व चेयरमैन अज़हर खां, पुलिस सिपाही धर्मेंद्र, अंशुल, मनीष, राहुल, उद्यान विभाग के अधिकारियों और कुछ अज्ञात लोगों ने हमारे घरों में घुसकर दहशत का माहौल बनाकर हमें न सिर्फ गालियां दी बल्कि मारा पीटा और घसीट कर घरों से बाहर निकाल दिया।
ये की है मांग
फैसल लाला ने कहा कि पीड़ित परिवारों ने डीएम साहब से गुहार लगाई है कि दोषियों के खिलाफ न सिर्फ कानूनी कार्यवाही की जाए। बल्कि हमें हमारे आवास और जमीन वापस दिलाई जाए, जिलाधिकारी महोदय ने आश्वासन दिया है कि जल्द इस मामले पर जांच बिठाकर कार्यवाही करेंगे और जिन लोगों के पास आवास नहीं है उनको आवास भी दिया जाएगा।