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सरकार को 1 करोड़ 28 लाख के टैक्स का नुकसान पहुंचा चुका है गिरोह, इस तरह हुआ खुलासा

locationरामपुरPublished: Jul 29, 2020 03:19:34 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights:
-गिरोह के एक मेंबर को किया गिरफ्तार
-मास्टर माइंड समेत तीन फरार
-पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में जुटी

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रामपुर। फर्जी फर्म बनाकर भारत सरकार और राज्य सरकार को टैक्स के रूप में मिलने वाली 1 करोड़ 28 लाख की धनराशि को हजम करने वाले गिरोह का थाना सिविल लाइन पुलिस ने पर्दाफाश किया है। जिसमें पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि मास्टरमाइंड समेत तीन अभी भी फरार बताए जा रहे हैं। गिरफ्तार युवक को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
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मामले में इंस्पेक्टर राधेश्याम ने बताया कि 17-10-2019 को असिस्टेन्ट कमिश्नर वाणिज्य कर खण्ड-3 पवन कुमार ने थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें रफीक पुत्र अमीर बक्श नि. सराय वाली मस्जिद अजीतपुर थाना सि.ला., के द्वारा जी.एस.टी पार्टल पर फर्जी तरीके से पंजीकरण कर फर्जी किरायानामा जी.एस.टी पोर्टल पर अपलोड कर फर्जी पंजीयन प्राप्त करने की शिकायत की गई थी। जिसमें कहा गया था कि इसने जान बूझकर माह जून 2018 से अगस्त 2018 तक 567 ई-पे बिल निरस्त कर भारत सरकार व राज्य सरकार को 01 करोड 28 लाख रूपये के कर की क्षति पहुचाई है। मामले में एक सख्स को गिरफ्तार किया है, बाकी इस गिरोह के मास्टर माइंड समेत तीन लोग अभी फरार हैं। उन्हें गिरफ्तार करने की कवायद जारी है। ये चारों लोग भारत सरकार और राज्य सरकार को कर के रूप में मिलने वाली 1 करोड़ 28 लाख रुपये की धनराशि को हजम कर गए हैं।
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इंस्पेक्टर के मुताबिक ये लोग जिले के भोले भाले लोगों के घरों से उनके आधार कार्ड, पैनकार्ड, बैंक अकाउंट की डिटेल लेकर उन्हें थोडी आर्थिक मदद कर दिया करते थे। फिर उनके नाम पर ये लोग फर्जी फ़र्म बनाकर कुछ वस्तुओं का निर्यात करते थे। उनकी बिलिंग करते थे और बकायदा बिल भी आयकर विभाग को भेजते थे। लेकिन अगले कुछ मिनट बाद बाद एक मेल करके उक्त बिल को निरस्त करा दिया करते थे। विवेचना में ये बात सामने आई कि जहां ये फर्म दिखाते थे, आफिस कागजों में बताते थे, वहां न इनकी कोई फर्म होती थी और न ही इनका कोई आफिस।

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