भाजपा नेता ने की थी शिकायत
यहां बता दें कि जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जौहर ट्रस्ट के नाम पर सींगनखेड़ा के अनुसूचित जाति के लोगों की 104 बीघा जमीन बिना अनुमति के खरीदे जाने की शिकायत भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने मुख्यमंत्री से की थी। इस मामले में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए थे। तत्कालीन जिलाधिकारी ने 2018 में इसकी जांच की थी। जांच में यह सामने आया था कि अनुसूचित जाति के व्यक्ति के नाम पट्टा होने के कारण एक सामान्य श्रेणी के जौहर ट्रस्ट को भूमि का विक्रय नहीं किया जा सकता था। साथ ही भूमि विक्रय करने की अनुमति भी प्राप्त नहीं की गई थी।
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विक्रय पत्र को शून्य करार दिया
इस प्रकरण में जांच के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी ने राजस्व बोर्ड में छह मार्च 2018 को दस वाद दायर किए थे। जिसमें शिकायकर्ता आकाश सक्सेना को दसों वादों की पैरवी हेतु निगरानीकर्ता बनाया गया था। इस मामले में राजस्व परिषद की सदस्य (न्यायिक) भावना श्रीवास्तव ने 14 जनवरी 2020 को अपने निर्णय में विक्रय पत्र को पूर्णत: शून्य करार दिया। साथ ही आदेश दिया यह जमीन राज्य सरकार में निहित मानी जाएगी। राजस्व परिषद के आदेश के बाद बुधवार को दोपहर बाद एसडीएम सदर पीपी तिवारी के नेतृत्व में पहुंची राजस्व विभाग की टीम ने यूनिवर्सिटी में जमीन की पैमाइश करने के बाद 104 बीघा जमीन को अपने कब्जे में ले लिया।
लगातार जारी है कार्रवाई
रामपुर प्रशासन द्वारा लगातार आजम और उनके ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर अली यूनिवर्सिटी के खिलाफ कार्रवाई जारी है। जिसमें अभी तक आजम उलझे हुए हैं। एक हफ्ते में दो बार उनके घर पर कोर्ट नोटिस चस्पा किये गए हैं। इससे पहले उनकी मुनादी भी करवाई गयी थी।