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कई हथियार मिल चुके हैं अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश नवाब की निजी संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। संपत्ति बंटवारे को लेकर जिला जज ने वकीलों की एक टीम बनाई है, जो उनकी संपत्ति की आकलन रिपोर्ट तैयार कर रही है। नवाब के निजी शस्त्रगाह की एक अलमारी खोली गई थी, उसमें तमाम बंदूकें, रिवॉल्वर, तलवारें और सोना-चांदी जड़े हथियार मिले थे। बाकी अलमारी अभी खुलनी बाकी हैं। वहीं, कोठी खासबाग में रामपुर के आखिरी नवाब का स्ट्रांग रूम इतना मजबूत है कि वह गैस कटर से नहीं कट रहा है। इसमें शाही खजाना रखा जाता था। इसकी चाभी गुम हो जाने के कारण इसको तोड़ना पड़ रहा है। इसे काटने में कारीगर करीब चार दिन से लगे हुए हैं लेकिन स्ट्रांग रूम की बाहरी दीवार की तीन परत ही काटी जा सकी है। अब स्ट्रांग रूम की धातु का सैंपल लैब भेजा गया है। रिपोर्ट के बाद पता चलेगा कि यह स्ट्रांग रूम किस धातु से बना था और कैसे कटेगा। फिलहाल स्ट्रांग रूम के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा है।कोरोना के कहर के बीच भारत पहुंची चीनी दुल्हन, वेलेंटाइन-डे पर देसी छोरे संग रचाएगी शादी
1930 में हुआ था कोठी खासबाग का निर्माण खजाने को रखने के लिए नवाब ने बहुत मजबूत ‘तिजोरी’ बनवाई थी। पूर्व सांसद एवं नवाब खानदान की बहू नूरबानो का कहना है कि उनके ससुर नवाब रजा अली खान के पिता हामिद अली खान ने वर्ष 1930 में कोठी खासबाग को बनवाया था। उस समय स्ट्रांग रूम बनाया गया था। इसे बनाने के लिए लंदन की कंपनी चब के इंजीनियर रामपुर में आए थे। स्ट्रांग रूम में जर्मनी की स्टील का प्रयोग किया गया है। उससे सेना के लिए टैंक बनाए जाते हैं। उनका दावा है कि स्ट्रांग रूम पर बमों का भी असर नहीं होगा।– बाहरी दीवार की चौड़ाई व ऊंचाई करीब 20 गुना 20 फीट है।
– दीवार में 16-16 एमएम धातु की तीन परतें हैं।