ऐसी स्थिति में उनसे अपने मायके में रहकर बूढ़े मां-बाप के साथ अपनी जिंदगी अकेले ही गुजारने का फैसला लिया है और खुद से वादा किया है कि भविष्य में कभी दूसरा निकाह नहीं करेगी। वह कहती हैं कि पहले शौहर ने धोखा दिया है तो अब नहीं लगता कि दूसरा शौहर अच्छे से रख पाएगा। दरअसल, रामपुर में 16 वर्ष पहले एक युवती को तीन तलाक दे दिया गया। जिसके बाद से वह लगातार न्याय के लिए भटक रही है।
तीन तलाक पीड़िता कहती है कि वह कोर्ट में कई साल तारीखों पर गई और थाने में गई। लेकिन न्याय की उम्मीद तब मर गई जब पूरे पूरे दिन कोर्ट में खड़ा होना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरा दिन कोर्ट में खड़े होने के बाद अगले महीने की तारीख मिली। ऐसा कई साल तक हुआ और जब देखा कि उसी मामले में पुलिस उन्हीं के बयान लेने आई और पैसे की मांग की गई तो लगा कि बिना पैसे न्याय नहीं मिलेगा।
वह बताती है कि सरकार की तरफ से ना तो कोई सरकारी वकील मिला और ना ही पैरवी करने के लिए कोई सरकारी सुविधा। ऐसी स्थिति में उन्होंने सोचा कि अब इस केस को आगे न लड़े और ऊपरवाले पर ही छोड़ दिया जाए कि उसके शौहर को सजा दे। अब वह अपने घर पर बूढ़े मां-बाप के साथ रहेगी और अपना गुजारा करेगी।