एक केंद्रीय प्रवक्ता ने बताया कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन कोडरमा जिले के स्थित केन्द्रीय अस्पताल को उसकी जमीन और इमारत सहित निःशुल्क झारखण्ड सरकार को स्थानांतरित करने को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य मेडिकल कॉलेजों की स्थापना संबंधी केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजना (सीएसएस) के तहत एक नया मेडिकल कॉलेज स्थापित करना है। यह मौजूदा जनपदीय व रेफरल अस्पतालों से जुड़ा होगा और क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करेगा। बताया गया है कि केन्द्रीय अस्पताल को उसकी जमीन और इमारत सहित तीन महीने के भीतर झारखण्ड सरकार को स्थानांतरित कर दिया जाएगा। स्टाफ के स्थानांतरण एवं समायोजन इत्यादि सहित अन्य बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय तथा राज्य सरकार के बीच एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
इस प्रस्ताव से देश में प्रतिवर्ष प्रशिक्षित किए जाने वाले डॉक्टरों की संख्या में इजाफा होगा। इससे क्षेत्र में आम लोगों को उपलब्ध होने वाली स्वास्थ्य सेवाओं तथा स्वास्थ्य सेवा संरचना में सुधार करने में सहायता मिलेगी। वहीं करमा और आसपास में रहने वाले और आस-पास के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त होंगी।
गौरतलब है कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय अपने अस्पतालों और डिस्पेंसरियों के जरिए असंगठित क्षेत्र के कुछ वर्गों के मजदूरों और उनके आश्रितों को स्वास्थ्य सेवा सुविधाएं प्रदान करता है। करमा, झारखंड के माइका खदानों एवं बीड़ी मजदूरों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने वहां एक 150 बिस्तरों वाला अस्पताल (उसी परिसर में एक 50 बिस्तरों वाले टीबी अस्पताल सहित) स्थापित किया है। झारखंड सरकार ने क्षेत्र में एक नया मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए करमा के केन्द्रीय अस्पताल को उसकी जमीन और इमारतों सहित निःशुल्क स्थानांतरित किए जाने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था।