स्थानीय लोगों ने मौलवियों की संदिग्ध गतिविधियों को देखकर पिछले दिनों पुलिस को सूचना दी थी, जिसके बाद सभी को पुलिस ने हिरासत में लेकर जमशेदपुर के मुसाबनी स्थित कांस्टेबल ट्रेनिंग स्कूल में बनाए गए आईसोलेशन वार्ड में रखा गया है। हालांकि सभी मौलवियों की कोरोना की जांच भी की गई है जो नेगेटिव आई है। इन सभी विदेशी मौलवियों को 24 मार्च को तमाड़ थाना क्षेत्र के राड़गांव मस्जिद से हिरासत में लिया गया था। इनमें चीन के तीन, किर्गिस्तान के चार और कजाकिस्तान के चार मौलवी शामिल हैं।
यूं हुई पहचान…
जांच में उनके पास से मिले पहचान-पत्र के अनुसार इनकी पहचान चीन के मा मेंनाई, ये देहाइ, मा मेरली, किर्गिस्तान के नूर करीम, नारलीन, नूरगाजिन, अब्दुल्ला और कजाकिस्तान के मिस्नलो, साकिर, इलियास आदि के तौर पर हुई है। पूछताछ पर मौलवियों ने खुद को धर्म प्रचारक बताया था। वे एक महीने से भारत के विभिन्न मस्जिदों में पनाह लेकर 19 मार्च को रांची से बस द्वारा जमशेदपुर जाने के दौरान तमाड़ में रड़गांव के पास स्थित एक मस्जिद में रुके थे। कोरोना वायरस के फैलते प्रकोप के बीच मस्जिद में मौलवियों के छिपे होने की जानकारी पर ग्रामीणों में सुगबुगाहट बढ़ी थी। गांव में इसकी दबी जुबान चर्चा भी होने लगी जिसके बाद प्रशासन को इसकी जानकारी मिली।
लगातार बदल रहे थे जगह…
बताया गया है कि ये सभी मौलवी सरायकेला जिले के कपाली क्षेत्र में आयोजित इज्तिमा में शामिल होने के लिए आए थे। ये मौलवी करीब 15 दिन पहले ही जमशेदपुर और आसपास के इलाके में सक्रिय हो गए थे। लगातार ये लोग जगह बदल रहे थे। ये सभी कपाली में दस दिनों तक रहे, पांच दिन बुंडू, तमाड़ समेत कई मुस्लिम बहुल इलाकों का भ्रमण किया। वहीं सभी को हिरासत में लेने के बाद उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए।