पत्र को बताया फर्जी
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद डॉ.रवींद्र राय ने आज रांची स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी के पत्र को फर्जी करार दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बाबूलाल मरांडी ने खुद ही जालसाजी कर फर्जी पत्र बनाया, या उनके ईद-गिर्द जमा जालसाजों की टीम ने फर्जी लेटर हेड और फर्जी हस्ताक्षर कर पत्र बनाया है। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी को यह बताना चाहिए कि उन्हें यह पत्र कहां से मिला और किसने तथा कब दिया।
राजनीति में पारदर्शिता जरूरी
रवींद्र राय ने कहा कि राजनीति में पारदर्शिता जरुरी है, इसे व्यवसाय नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि बाबूलाल मरांडी ने जो पत्र जारी किया है, वह गोपनीय ढग से कुछ माह से अलग-अलग समाचार पत्रों के कार्यालय में घूम रहा था, लेकिन किसी मीडिया हाउस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
राज्यपाल की गरीमा को भी पंहुचाई ठेस
रवींद्र राय ने बताया कि इस पत्र को भाजपा किसान मोर्चा के लेटर पैड पर लिखा गया है, जबकि हस्ताक्षर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रुप में मेरे है। उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई अज्ञानी भी इस तरह के लेन-देन का पत्र नहीं लिख सकता, उनकी ओर से ऐसा कोई पत्रचार नहीं किया गया है, बाबूलाल मरांडी खुद अपने घर को संभाल नहीं पाते है और दूसरे पर बेबुनियाद आरोप लगाते है, यह दुःखद है। सबसे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद के समक्ष ऐसे झूठे पत्र को पेश किया जाता है।
माफी मांगे मरांडी नहीं तो होगा मानहानी का मुकदमा
रवींद्र राय ने कहा कि बाबूलाल मरांडी अपनी राजनीतिक असफलता की वजह से स्टंट और तिगड़मी बन कर मीडिया के सुर्खियों में बने रहने की कोशिश कर रहे है। रवींद्र राय ने इस तरह की ओछी राजनीति करने के लिए बाबूलाल मरांडी की निन्दा करते हुए कहा कि वे एक सप्ताह में सार्वजनिक रुप से जनता से माफी मांगे, अन्यथा जिन-जिन का नाम बाबूलाल मरांडी ने लिया है, उनकी ओर से मानहानि का मुकदमा किया जाएगा।
केजरीवाल से की तुलना
उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी झारखंड की धरती के दूसरे केजरीवाल साबित होंगे। रवींद्र राय ने इस पत्र की किसी भी सक्षम एजेंसी से जांच कराने पर भी सहमति जतायी। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने राजनीतिक मर्यादा तोड़ी है, जिस वक्त झाविमो के छह विधायक भाजपा में शामिल हुए , उस वक्त वे प्रदेश अध्यक्ष थे, उन्होंने खुद बाबूलाल मरांडी को फोन कर सूचना दी थी और बताया था कि उनके विधायक भाजपा में विलय चाहते है, इस पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह उनके लिए संभव नहीं है और ऐसा करने से वे अपने विधायकों को रोकेंगे।