मंत्री सीपी सिंह ने बताया कि जिस पत्र का हवाला देकर बाबूलाल मरांडी यह आरोप लगा रहे है कि उन्होंने विधायक नवीन जायसवाल को दो करोड़ रुपये दिए है, उसे वे चुनौती देते है कि पत्र की प्रमाणिकता को साबित करें, अन्यथा यह विशेषाधिकार का मामला बनता है। उन्होंने बताया कि झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री को इस तरह से हल्केपन में आरोप लगाना शोभा नहीं देता है, यह उनके चरित्र को शोभा नहीं देता है।
विपक्षी विधायकों को देशद्रोही और अफजल गैंग के लोग बताए जाने वाले नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के बयान पर नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन समेत कई विपक्षी नेताओं ने गुरूवार को सदन नाराजगी जताई। हेमंत सोरेन ने कहा कि बुजुर्ग सदस्य द्वारा इस तरह का बयान देना शोभा नहीं देता, इस पर मंत्री सीपी सिंह एक बार फिर से भड़क गए, उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष एक जवान को बुजुर्ग कह कर गाली न दें। उन्होंने बताया कि अखबारों में छपी खबर से उनका कुछ लेना-देना नहीं है, वे न तो किसी मीडिया के मालिक है, न संपादक है और न ही रिपोर्टर है।
झामुमो के वरिष्ठ सदस्य स्टीफन मरांडी ने भी मंत्री सीपी सिंह के इस बयान को दुखद बताया। विपक्ष के कई अन्य सदस्यों ने इसकी निंदा करते हुए मंत्री सीपी सिंह से खेद व्यक्त करने की मांग की। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने कहा कि इस मामले का कल ही पटाक्षेप हो चुका है, इसलिए अब इसे आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए।