प्रसाशन की ओर से विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। शहर के अधिकांश इलाकों में दंडाधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस बल की तैनाती की गई। चार आईपीएस अधिकारी, बारह डीएसपी, साठ इंस्पेक्टर के नेतृत्व में करीब तीस हजार जवानों को सुरक्षा में तैनात किया गया। इसके अलावा शहर में वाच टावर, ड्रोन कैमरा और सी.सी.टी.वी. कैमरे से शहर की हर गतिविधियों पर नजर रखी गई। शोभायात्रा के दौरान झंडे से कोई व्यवधान और दुर्घटना न हो इसके लिए दोपहर दो बजे से रात ग्यारह बजे तक बिजली आपूर्ति को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। जिला प्रसाशन ने रामनवमी के दौरान भड़काउ गाना बजाने पर कारवाई करने का निर्णय लिया था और इसके लिए एक विशेष टीम गठित की गई है जो साउण्ड सिस्टम को जब्त करते हुए सम्बंधित समिति के जिम्मेदार लोगो के खिलाफ साप्रदायिक उन्माद फैलाने से सम्बंधित प्रार्थमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र थी।
इससे पहले नवरात्र के महाअष्टमी के मौके पर शुक्रवार की रात भव्य झांकियां निकाली गई। जय श्रीराम के जयकारों के बीच रात दस नौ बजे से विभिन्न इलाकों से भव्य झांकियां निकाली गई। ढोल-तासा और ढाक की धुनों के बीच हर ओर रामभक्तों का जत्था दिखा और जयश्री राम के नारे से पूरा शहर गुंजायमान रहा। झांकी देखने के लिए सड़कों पर रामभक्तों की भीड़ लगी रही। गह-जगह लोग फूल बरसा कर राम सेना का स्वागत कर रहे थे। हर के अलग-अलग मार्गों से होते हुए झांकियां अपर बाजार महावीर चौक पहुंची। जहां से शहीद चौक, सर्जना चौक, मेन रोड महावीर मंदिर होते हुए वापस अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना हुई। इस दौरान पूरा शहर राममय बना हुआ था। झांकी के दौरान भक्तों का उत्साह चरम पर था। झांकी में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन देखने लायक था। झांकी में छोटे-छोटे बच्चे भी तलवार लेकर पहुंचे थे। ये सारा नजारा देखने लायक था। देर रात श्रृंगार समिति की ओर से बेहतरीन झांकी के लिए पुरस्कार की घोषणा की गई। वहीं सन 1971 और 1999 के भारत-पाकिस्तान लड़ाई के वीर सैनिकों को बुलाकर सम्मानित किया गया। प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत और सेवानिवृत्त 19 सैनिकों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया।