हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में रांची स्थित झारखंड मंत्रालय में राज्य मंत्रिपरिषद की पहली बैठक समाप्त होने के बाद कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि मुख्य रूप से तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद द्धारा पंचम झारखंड विधानसभा के सदस्यगण को शपथ दिलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर के रूप में वरिष्ठ विधायक स्टीफन मरांडी को नियुक्त करने की अनुशंसा करने का निर्णय लिया गया।
दूसरे प्रस्ताव में झारखंड विधानसभा सत्र आहूत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। विधानसभा का पहला सत्र 6 जनवरी से 8 जनवरी तक होगा। उन्होंने बताया कि औपबंधिक कार्यक्रम के अनुसार 6 जनवरी को निर्वाचित विधायको को शपथ दिलाई जाएगी। 7 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचन होगा और उसी दिन राज्यपाल का अभिभाषण भी होगा और उसी दिन चालू वित्तीय वर्ष का द्धितीय अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा। जबकि 8 जनवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सरकार का उत्तर और मतदान तथा सामान्य अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद उसे पारित कराने को लेकर मतदान होगा।
तीसरे प्रस्ताव में सात अन्य बिन्दुओं पर सैद्धांतिक सहमति दी गई। पहले अन्याय प्रस्ताव में राज्य मंत्रिपरिषद के द्धारा झारखंड राज्य में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन को संपन्न कराने के लिए भारत सरकार के निर्वाचन आयोग को धन्यवाद दिया गया। जबकि दूसरे में छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) एवं संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी एक्ट) में संशोधन के विरोध करने के फलस्वरूप तथा पत्थलगड़ी करने के क्रम में जिन व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर मुकदमे दायर किए गए हैं, उन्हें वापस लेने का निर्णय लिया गया तथा तदनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
तीसरे अन्याय प्रस्ताव में राज्य सरकार में विभिन्न विभागों में जितनी भी रिक्तियां हैं, उन्हें यथाशीघ्र भरने का निर्देश दिया गया। चौथे में महिलाओं तथा अवयस्कों के विरुद्ध हो रहे यौन उत्पीड़न एवं अन्य अपराधों के बारे में प्रत्येक जिला में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करते हुए न्यायिक पदाधिकारियों के आवश्यक पदों के सृजन करने का निर्णय लिया गया।
पांचवें में सभी जिला के उपायुक्त विभिन्न प्रकार के अनुबंध कर्मियों, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, विभिन्न श्रेणियों के पेंशन भोगियों सभी प्रकार की छात्रवृत्तियां एवं पारा शिक्षकों से संबंधित सभी लंबित भुगतान पूर्ण कराने के लिए प्रखंड तथा पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर की कार्रवाई करें।
सातवें में सभी उपायुक्त यथाशीघ्र अपने-अपने जिलों में गरीब एवं पात्र व्यक्तियों के बीच कंबल, ऊनी टोपी वितरण का कार्य संपन्न करावें। जाड़े से राहत के लिए सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था की जाए। सातवें में झारखंड सरकार के प्रतीक चिन्ह (लोगो) पर विमर्श किया गया। इसे झारखंड राज्य की संस्कृति, परंपरा, इतिहास एवं स्वर्णिम भविष्य के अनुरूप संशोधित करने की आवश्यकता है। इस संबंध में प्रस्ताव आमंत्रित कर इसे नया स्वरूप देने की कार्रवाई की जाए।