scriptकेंद्र की कम्पनियां नहीं दे रही झारखंड के 50 हजार करोड़ | Central companies are not giving 50 thousand crores of Jharkhand | Patrika News

केंद्र की कम्पनियां नहीं दे रही झारखंड के 50 हजार करोड़

locationरांचीPublished: Feb 06, 2020 08:09:09 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

आदिवासी बाहुल्य राज्य झारखंड ( Jharkhand News ) की माली हालत खराब है। राज्य वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है। नई हेमंत सोरेन की सरकार के समक्ष खजाने को भरने की सबसे बड़ी चुनौती है। केंद्र की कोयला और लोहा कंपनियों ( Iron&Coal Mining Companies )पर झारखंड के हिस्से के करीब 50 हजार करोड़ रूपए बकाया हैं।

केंद्र की कम्पनियां नहीं दे रही झारखंड के 50 हजार करोड़

केंद्र की कम्पनियां नहीं दे रही झारखंड के 50 हजार करोड़

रांची(रवि सिन्हा):आदिवासी बाहुल्य राज्य झारखंड ( Jharkhand News ) की माली हालत खराब है। राज्य वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है। नई हेमंत सोरेन की सरकार के समक्ष खजाने को भरने की सबसे बड़ी चुनौती है। केंद्र की कोयला और लोहा कंपनियों ( Iron&Coal Mining Companies )पर झारखंड के हिस्से के करीब 50 हजार करोड़ रूपए बकाया हैं। दोनों कम्पनियां इस धनराशि को नहीं दे रही हैं। यह राशि लंबे अर्से से बकाया चल रही है।
केंद्र को लिखे कई पत्र
राज्य द्वारा केंद्र सरकार को कई बार इस बारे में लिखा जा चुका है। पतली होती राज्य की वित्तीय हालत के दौरान लोहरदगा जिले में दस दिनों तक लगे कफ्र्यू ने स्थिति करेला और नीम चढ़ा कर दी। कफ्र्यू के चलते करीब ४०० करोड़ के नुकसान का अनुमान है। वित्तीय चुनौतियों से जूझते झारखंड के लिए यह राशि काफी महत्वपूर्ण है। कफ्र्यू से सर्वाधिक नुकसान बॉक्साइट ट्रकों के परिवहन बंद होने और बैंकिग से हुआ है। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में निकाली गई रैली में दो गुटों में हिंसक झड़प के दौरान कफ्र्यू लगाया गया था।
हेमंत सोरेन के समक्ष चुनौती
केंद्र की कोयला और लोहा कंपनियों पर झारखंड का करीब 50 हजार करोड़ रुपये बकाया है, इसका निर्धारण कॉमन कॉज मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हुआ है। नोटिस देने के बाद भी यह बकाया कम्पनियां नहीं चुका रही हैं, निर्दलीय विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस राशि को वसूलने की सलाह दी है। राय ने कहा कि पिछली सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब मुख्यमंत्री सोरेन इसे वसूले।
श्वेत पत्र जारी करने की घोषणा
झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नयी सरकार गठन होने के बाद राज्य के वित्तीय हालात पर जल्द ही श्वेत पत्र जारी करने की घोषणा की है। जानकारी के मुताबिक झारखंड के खजाने खाली पड़े है, सरकार ने नयी योजना शुरू करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। ट्वीट कर बताया कि सरयू राय ने यह भी सलाह दी है कि राज्य सरकार को वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य की वित्त व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए फिजुलखर्जी और शोहरत के लिए शुरू की गई योजनाओं की टेक्नो-फाईनांसियल विश्लेषण के बाद तय करना चाहिए कि किसे चलाना है और सुस्त या स्थगित करना है, यह निर्णय वस्तुपरक होना चाहिए।
सरकार ने भुगतान रोके
इधर, सरकार द्वारा नयी योजनाओं के लिए राशि निर्गत करने पर रोक लगा देते से संवेदकों में हड़कंप मचा हुआ है। मौजूदा सरकार ने विगत सरकार की कई योजनाओं की जांच की घोषणा कर दी है। वहीं, बकाये को लेकर संवेदक मारे-मारे फिर रहे हैं। भवन निर्माण विभाग के छोटे संवेदकों ने अपने भुगतान के लिए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव से गुहार लगायी है। वहीं पथ निर्माण समेत अन्य विभागों में भी गड़बडिय़ों की जांच कराई जा रही है, अभियंता प्रमुख समेत कई पर गाज भी गिरी है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो