रांची

मीडियाकर्मियों पर हुए हमले की चौतरफा निंदा, पत्रकारों ने हेलमेट पहनकर दर्ज कराया विरोध

पत्रकारों ने एकजुटता दिखाते हुए अनोखे तरीके से इस लाठीचार्ज का विरोध किया है…

रांचीNov 16, 2018 / 07:40 pm

Prateek

journalists

(रांची): राजधानी रांची में गुरुवार को पत्रकारों पर हुए हमले की अब चौतरफा निंदा शुरू हो गई है। स्थापना दिवस के मौके पर पारा टीचर्स पर हुए लाठीचार्ज के दौरान पत्रकारों पर भी हमला किया गया था। इसके विरोध में शुक्रवार को रांची के प्रेस क्लब में पत्रकारों की बैठक हुई। बैठक के दौरान पत्रकारों ने एकसुर में हमले की निंदा की। पत्रकारों ने एकजुटता दिखाते हुए अनोखे तरीके से इस लाठीचार्ज का विरोध किया है।


शुक्रवार को पत्रकारों ने हेलमेट पहनकर हमले की चौतरफा निंदा की और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। पत्रकारों ने रांची के लालपुर थाना में विरोध-प्रदर्शन भी किया और दोषियों अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए लिखित शिकायत भी दर्ज कराई।


उल्लेखनीय है कि गुरुवार को झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर स्थायी नहीं किए जाने पर पारा शिक्षकों का ने विरोध-प्रदर्शन किया था। वे रांची के मोरहाबादी मैदान में एकत्रित हो रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान पत्रकारों को भी निशाना बनाया गया था, जिसमें कई पत्रकारों को चोटें आयी थीं।

 

280 पारा शिक्षकों को भेजा गया जेल

इधर, झारखंड स्थापना दिवस 15 नवंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में राज्य के पारा शिक्षकों के उग्र प्रदर्शन एवं मुख्यमंत्री को प्रदर्शन के दौरान काला झंडा दिखने के मामले में रांची पुलिस ने 280 पारा शिक्षकों को शुक्रवार शाम जेल भेज दिया।


पुलिस ने पारा शिक्षकों पर आठ धाराएं लगायी हैं। इनमें धारा 144, 341, 342, 323, 307, 353, 337 और 338 शामिल है। पारा शिक्षकों को होटवार स्थित बिरसा करावास भेजा गया है। दूसरी ओर स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग पारा शिक्षकों की 15 नवंबर के दिन की उपस्थिति मंगा कर उन सभी पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।

 

गौरतलब है कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव एपी सिंह ने कहा कि विभाग ने 12 नवबंर को नोटिस जारी कर दिया था कि स्थापना दिवस के दिन जो भी शिक्षक स्कूल में अनुपस्थित रहेंगे उन पर विभागीय कार्यवाही करते हुए उनकी सेवा समाप्त कर दी जायेगी। नोटिस के आलोक में विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से 15 नवंबर की उपस्थिति स्कूलवार विभाग में सौंपने का आदेश निर्गत कर दिया है। सूची आने के बाद अनुपस्थिति पारा शिक्षकों की सेवा समाप्त विभाग की ओर से की जायेगी। पारा शिक्षकों का स्थापना दिवस के दिन प्रदर्शन करना किसी तरह से कानून संगत नहीं है। विभाग कानून तोड़नेवाले पारा शिक्षकों के खिलाफ न्यायसंगत कार्यवाही करेगा।

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