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पीएम मोदी ने रखी थी गंगा नदी पर बनने वाले जिस पुल की आधारशिला ,16 महीने बाद भी निर्माण कार्य नहीं हुआ शुरू

locationरांचीPublished: Sep 05, 2018 06:00:49 pm

Submitted by:

Prateek

शिलान्यास के इतने दिन के बाबजूद भी पुल निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं होने से सरकार की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं…

 गंगा नदी

गंगा नदी

(पत्रिका ब्यूरो,रांची): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अप्रैल 2017 को साहेबगंज दौरे पर गंगा नदी पर पुल निर्माण की आधारशिला रखी थी, लेकिल 16 महीने बीत जाने के बावजूद अब तक पुल निर्माण की एक ईट भी नहीं लगी है। शिलान्यास के दौरान ही मंच से उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार किसी भी काम को अपने निर्धारित समय सीमा के अंदर करने में विश्वास करती है और साहिबगंज गंगा पुल भी अपने निर्धारित समय सीमा 2022 में पूरा होगा। लेकिन शिलान्यास के इतने दिन के बाबजूद भी पुल निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं होने से सरकार की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

 

बहुत पुरानी मांग

साहेबगंज में गंगा नदी पर पुल की जिलेवासियों की लिए बहुत पुरानी मांग थी। पुल निर्माण की मांग को लेकर क्षेत्र के लोग कई बार बंद,रेल चक्काजाम और भूख हड़ताल भी कर चुके है, लेकिन अब भी लोगों की यह मांग पूरी नहीं हो पा रही है। बताया गया है कि झारखंड के साहेबंगज और बिहार के कटिहार जिला के मनिहार के बीच गंगा नदी पर पुल बनने से दोनों राज्यों के बीच दूरियां कम हो जाएंगी। राज्य में गंगा नदी पर बनने वाला यह पहला पुल है। इस गंगा पुल के निर्माण कार्य पूरा हो जाने से झारखण्ड का बिहार-बंगाल के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों का सड़क मार्ग से सीधा जुड़ जाएगा।

 

पुल नहीं बनने से हताश लोग

स्थानीय लोगों का कहना है कि साहेबगंज से मनिहारी के बीच गंगा नदी में चलने वाली नाव व स्टीमर के यात्रियों में हमेशा भय बना रहता है। लोगों का कहना है कि पुल बन जाने से वे सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे। अभी बाढ़ के दिनों में यह यह खतरा और भी बढ़ जाता है। यात्रियों का कहना है कि प्रधानमंत्री के हाथो गंगापुल का शिलान्यास होने से लोगों में खुशी थी परंतु इतने दिनों बीतने के बाद जिलेवासी मायूस हो गए हैं। स्थानीय लोगों को अब लगने लगा है कि यह पुल अपने तय समय सीमा में नहीं बन पाएगा। स्थानीय लोगों का भी कहना है कि लेकिन जमीनी स्तर पर नींव तक नहीं रखी गई है। यदि गंगापुल के निर्माण कार्य की शुरुआत हो जाती तो वर्षों पुरानी मांग का सपना साकार हो जाता।

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