मौसम विभाग के निदेशक बी के मंडल ने बुधवार को बताया कि रांची में बताया की यह चक्रवात अभी उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है और गुरुवार सुबह उडीसा के समुद्री तट को पार कर जाएगा, जिसके बाद चक्रवात का प्रभाव और असर झारखंड में भी देखने को मिलेगा। बी के मंडल ने कहा कि बुधवार से ही असर राज्य में दिखने लगा है, लेकिन 11 और 12 अक्टूबर को झारखंड के दक्षिणी हिस्सों के जिलों में भारी बारिश के आसार है। विशेष रूप से पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला, खूंटी में भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा संथाल परगना के भी जिले पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज, दुमका सहित कई अन्य जिलों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।
इधर, तितली के असर को देखते हुए विभिन्न जिलों में भी प्रशासन द्वारा एहतियाती कदम उठाया गया है। जिला प्रशासन की ओर से सभी दुर्गा पूजा पंडालों के संचालकों को विशेष मजबूती के साथ पंडाल बनाने का निर्देश दिया है, साथ ही पंडाल में विद्युत आपूर्ति को लेकर तार और कमजोर बिजली के तारों की मरम्मत करवाने की सलाह दी गई है।
इसके अलावा जल जमाव को रोकने के लिए पूजा पंडालों के पास उचित जल निकासी व्यवस्था करने,नदी के समीप वाले स्थलों से आम जनमानस को दूर रखने, चक्रवात के दौरान वाहनों के आवागमन की धीमी गति से परिचालन करने, आकस्मिकता से निपटने के लिए अस्पताल, पावर स्टेशन, आपातकालीन सेवाएं इत्यादि तैयार की जाएंगी और एनडीआरएफ टीम व नागरिक रक्षा प्रतिक्रिया बलों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। साथ ही जेसीबी, एम्बुलेंस और कुछ छोटे वाहनों सहित त्वरित प्रतिक्रिया टीम (क्यूआरटी) प्रत्येक महत्वपूर्ण जगहों पर रखे जाने का निर्देश दिया गया है। वहीं चक्रवात तितली को लेकर जानकारी भी प्रसारित की जा रही है, वहीं बीएसएनएल और निजी दूरसंचार ऑपरेटरों को संचार बनाए रखने का निर्देश जारी किया है।