कई जगह भूखंड एवं वाहन
भुइंया पर मंत्री पद पर रहते हुए आय के ज्ञात स्रोतों से एक करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। इनमें रांची और जमशेदपुर में कई जगहों पर भूखंड, कई वाहन समेत बैंकों में जमा राशि और फिक्स डिपोजिट शामिल हैं। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में सीबीआई की ओर से 21 गवाहों को प्रस्तुत किया गया था। वहीं दुलाल भुइंया की ओर से भी बचाव में कई गवाहों को अदालत में प्रस्तुत किया था। वर्तमान में भुइंया जमानत पर थे।
आय से अधिक किया खर्च
पूर्व मंत्री भुइंया ने 10 मार्च 2005 से एक सितंबर 2009 तक की अवधि में मंत्री और विधायक के तौर पर सैलरी के रूप में 15 लाख पांच हजार 83 रुपए कमाए। इस अवधि में उन्होंने 59 लाख चार हजार 189 रुपए खर्च किए। यह राशि आय से कई गुना अधिक है। उन पर अपनी पत्नी और तीन बच्चों के नाम पर 93 लाख 72 हजार 392 रुपए की चल-अचल संपत्ति खरीदने का भी आरोप है।
दो मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में रहे मंत्री
गौरतलब है कि दुलाल भुइंया वर्ष 2005 से 2009 के दौरान झारखंड के भू-राजस्व मंत्री रहे थे। इसी दौरान उनपर यह अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। वे दो मुख्यमंत्रियों मधु कोड़ा और शिबू सोरेन के कार्यकाल में भू-राजस्व मंत्री के पद पर रहे थे। दुलाई भुइंया 2000 से लेकर 2009 तक जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र से झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक रहे। वह बाद में झामुमो छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए थे और टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने भाजपा का भी दामन छोड़ दिया था और अभी वे कांग्रेस में है।