सिमडेगा जिला का सदर अस्पताल किसी अदद निजी अस्पताल से कम नहीं है और यहाँ इलाज और दवाएँ मुफ्त दी जाती है। लेकिन, फंड उपलब्ध नहीं रहने या तत्काल दवाइयों के उपलब्ध नहीं रहने से खास तौर से गरीब मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जिले के उपायुक्त जटाशंकर चौधरी ने इसे गंभीरता से लिया और इसका अनूठा हल निकाला है। उपायुक्त के इस नेक पहल में जिला केमिस्ट एन्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन और रेड क्रॉस सोसाइटी भी पूरा योगदान दे रहा है।
अब नि:शुल्क ब्लड बैंक बनाने की योजना
इस अभियान में जोड़े जाने से जिले का केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन और उससे जुड़े दवा व्यवसायी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। मानव सेवा में कहीं चूक न हो जाए, इसके लिए वे जीवन रक्षक दवाओं का स्टॉक तैयार रखते हैं। जिला केमिस्ट एन्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सचिव अमरेंद्र किशोर प्रसाद ने बताया कि आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों के लिए शुरु की गयी इस विशेष पहल का कई परिवारों को लाभ मिल रहा है।
कभी-कभी ऐसा मौका भी आया जब मरीज को बड़े अस्पताल में रेफर किया गया और मरीज के परिजनों के पास उसे ले जाने के पैसे नहीं थे। तब भी, इन्होंने दरियादिली का परिचय देते हुए आपसी सामंजस्य से उसके लिए फंड की व्यवस्था की। अब इनकी योजना एक बड़ा निःशुल्क ब्लड बैंक स्थापित करने की है। सिमडेगा रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव मोहन सिंह ने बताया कि मरीजों की गंभीर स्थिति को देखते हुए जरुरतमंद मरीजों को निःशुल्क ब्लड भी उपलब्ध कराने की योजना है।
लोगों को मिला नया जीवन
अपना और अपने परिजनों का इलाज कराने आये लोगों का कहना है कि इस महंगाई के जमाने में जटिल बीमारियों की वजह से वे काफी मुश्किल में थे और उन्हें यह समझ में ही नहीं आ रहा था कि वे अपना इलाज किस तरह से कराएंगे, लेकिन ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन और रेडक्रॉस सोसायटी की पहल के कारण उन्हें एक नया जीवन मिल पाया।