उफान पर नदियां
वहीं बलबल नदी भी उफान पर है और खतरे के निशान से ऊपर पानी बह रहा है। बलबल नदी का पानी पुल से ऊपर बहने के कारण इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है और इस मार्ग से चतरा का हजारीबाग से टूट गया है। ऐसे में यात्री वाहनों को इटखोरी या सिमरिया रास्ते होकर आवागमन करना पड़ रहा है। बताया गया है कि पत्थलगड्डा इलाके से होकर गुजरने वाली बकुलिया व अन्य ऐतिहासिक नदियां भी उफान पर है और दर्जनों गांव टापू बन गए हैं।
टापू बन गए गांव
लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से नदियों के उफान पर रहने के कारण गिद्धौर व पत्थलगडा के करीब दो दर्जन गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। नदी के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई है। दर्जनों गरीबों के कच्चे मकान भी ध्वस्त हो गए हैं। प्रशासन की ओर से डायवर्सन को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं नदी किनारे बसे मकानों को खाली करा दिया गया है और दर्जनों परिवारों ने सुरक्षित स्थान पर शरण ले रखा है।
अधिकारियों को सजग रहने का आदेश
लगातार हो रही बारिश को देखते हुए उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों व अंचल अधिकारियों समेत जिला मुख्यालय के पदाधिकारियों को मुख्यालय में ही रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट जारी करते हुए बारिश पर पैनी नजर रखने की बात कही है। इधर, हंटरगंज व सिमरिया समेत अन्य प्रखंडों से होकर गुजरने वाली लीलाजन, अमझर व सफी नदी के अलावा अन्य सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि मूसलाधार बारिश में कमी आएगी, लेकिन आने वाले 48घंटे में रुक-रुक कर बारिश जारी रहेगी।