राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स ( Ranchi rims ) में इस बाबत कार्यरत डॉक्टरों को इसके लक्षणों से संबंधित सेमिनार कर जानकारी दी गई है। साथ ही रिम्स निदेशक डॉक्टर डीके सिंह चमकी बुखार को लेकर डॉक्टरों को विशेष निर्देश जारी करते हुए कहा है कि हॉस्पिटल इस बीमारी को लेकर पूरी तरह से तैयार है।
रिम्स के पेटाइटट्रिक्स डिपार्टमेंट के एच.ओ.डी डॉ.एके चौधरी ने बताया कि रिम्स में बिहार के जैसा एक भी चमकी बुखार से पीड़ित मरीज के पहुंचने की सूचना नहीं है। उन्होंने बताया कि चमकी बुखार के जैसे लक्षण वाले मरीज रिम्स पहुंचते हैं लेकिन मरीज की स्थिति सामान्य होती है जिसका इलाज पूरी तरह से कर दी जाती है और मरीज स्वस्थ होकर लौट जाता है। हालांकि पेटाइटट्रिक्स डिपार्टमेंट इनफ्लाटिस सिंड्रोम ( Japanese encephalitis ) के खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
इधर, स्वास्थ मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि चमकी बुखार से निपटने को तैयार है। डॉक्टरों को कई तरह के निर्देश भी दिए जा रहे हैं सेमिनार का आयोजन भी किया जा रहा है ताकि इससे बचाव के अधिक से अधिक उपाय किये जा सकें।
बता दें कि चमकी बुखार बिहार में जमकर कहर बरपा रहा है। अब तक इस बुखार के कारण पडोसी राज्य बिहार में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि सैंकडों अस्पताल में भर्ती हैं। मुजफ्फरपुर ( Muzaffarpur ) में सबसे अधिक बच्चे इसकी चपेट में आए हैं।
बड़ी संख्या में मौत होने के बाद हाहाकार मचा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Chief Minister of Bihar ) भी अस्पतालों की ओर रूख किया। आज नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) मुजफ्फरपुर के ( Sri Krishna Medical College and Hospital Muzaffarpur ) में भर्ती बच्चों का हाल जानने और चिकित्सा व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे। अकेले इस अस्पताल में 89 बच्चों की मौत हुई है। नीतीश जब अस्पताल में थे तो बाहर आक्रोशित लोगों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। इसी बीच नीतीश गो—बैक के नारे भी सुनाई दिए।