हक की लड़ाई में साथ का भरोसा दिया
वहां मौजूद कुछ ग्रामीणों में दहशत और आक्रोश का माहौल भी देखने को मिला। विपक्षी दलों के नेताओं ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया है कि उनके हक और अधिकार की लड़ाई में उनके साथ हंै। उन्होंने ग्रामीणों से गांव में वापस लौटकर शांति के साथ रहने की अपील की और बारिश के मौसम में खेती-बाड़ी के काम में लोगों से जुट जाने का आग्रह किया। जिस घाघरा गांव में 27 जून को पुलिस की कार्रवाई हुई थी, वहां 60 घर हैं। पुलिस कार्रवाई से ग्रामीणों में इस कदर व्याप्त है कि खेती-बाड़ी के समय में भी लोग अपने गांव नहीं लौटे हंै। जो कुछ ग्रामीण लौटे उनमें अधिकांश महिलाएं हैं। विपक्ष के नेताओं को बहुत खोजने पर कुछ महिलाएं व घर में मौजूद बुजुर्ग ही मिलें। इन्हीं से विपक्षी नेताओं ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेने की कोशिश की।
गांव वालों में है गुस्सा
गौरतलब है कि पत्थलगड़ी को लेकर खूंटी के ग्रामीण और पुलिस-प्रशासन आमने-सामने है। वहीं 26 जून को तीन इलाकों में पत्थलगड़ी किए जाने की बात थी। इधर 27 जून को घाघरा और चमराडीह गांव में पत्थलगड़ी समर्थकों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया था। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और फायरिंग भी की थी। जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद से गांववालों में गुस्सा भी है और कार्रवाई को लेकर खौफ भी।