बीजेपी करवा रही सर्वे
बीजेपी की ओर से चुनाव में उम्मीदवारों के चयन को लेकर हर विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग एजेंसियों से सर्वे कराया जा रहा है। विधायकों के रिपोर्ट कार्ड के अलावा अन्य दावेदारों के बारे में भी पूरी जानकारी हासिल की जा रही है। इस बीच पार्टी नेतृत्व की ओर से यह संकेत मिलने लगा है कि हर चुनाव की तरह झारखंड विधानसभा का चुनाव भी भाजपा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में लड़ेगी, वहीं पार्टी की ओर से इस चुनाव में मुख्यमंत्री रघुवर दास के चेहरे को सामने कर ही लड़ेगी।
रघुवर दास सरकार की यह नीतियां बनेगी आधार
भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि रघुवर दास के नेतृत्व में झारखंड में पहली बार किसी सरकार ने अपने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया। इस दौरान सरकार के मंत्रियों या अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का कोई गंभीर मामला सामने नहीं आया, वहीं पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान राज्य सरकार की ओर से योजना बनाओ अभियान, जल संरक्षण के लिए पांच लाख डोभा का निर्माण, हर गांव के विद्युतीकरण और घर-घर बिजली पहुंचाने की योजना सफल रही,जबकि हर घर में पाईप लाईन से जलापूर्ति योजना पर भी तेजी से काम चल रहा है। इसके अलावा गांवों को सड़क से जोड़ने, महिलाओं के लिए एक रुपये में जमीन व संपत्ति का निबंधन, सखी मंडल समेत कई ऐसी योजनाओं को अमलीजामा पहनाया गया, जिससे लोगों को गांवों में रोजगार मिला है।
चल रहा है जनसंपर्क अभियान
भाजपा नेता-कार्यकर्त्ताओं द्वारा राज्य सरकार की इन उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। पार्टी नेतृत्व का भी मानना है कि सरकार की इन्हीं उपलब्धियों को लेकर चुनाव में उतरने से फायदा मिलेगा।
सीएम की स्थिति बीजेपी में मजबूत
दूसरी तरफ पांच वर्षों तक मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद रघुवर दास की भी संगठन के अंदर स्थिति मजबूत हुई है और प्रदेश भाजपा में उनके लिए अभी किसी तरह की चुनौती भी नहीं है। वहीं केंद्रीय नेतृत्व के साथ भी रघुवर दास के मधुर संबंध है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा राज्य में तीन बार मुख्यमंत्री का पदभार संभाल चुके है, लेकिन अभी पार्टी की ओर से उन्हें दिल्ली की राजनीति में मौका दिया गया है, इसलिए इस बात की कम ही संभावना है कि अर्जुन मुंडा को विधानसभा में पार्टी की ओर से चेहरा बनाया जाएगा। हालांकि अर्जुन मुंडा जनजातीय समुदाय से आते है और भाजपा नेतृत्व की यह कोशिश होगी कि राज्य में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 28 विधानसभा सीटों में अर्जुन मुंडा की पकड़ का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाया जाए।