मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मौके पर कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक दार्शनिक, दूरदृष्टा एवं गहन चिंतक होने के साथ-साथ एक ऐसे समर्पित संगठनकर्त्ता और नेता थे, जिन्होंने सार्वजनिक जीवन में व्यक्तिगत शुचिता एवं गरिमा के उच्चतम आयाम स्थापित किए। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपने को साकार करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए आयुष्मान भारत समेत अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की गई है। इस मौके पर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन संघ के ही नहीं बल्कि देश के लिए भी आदर्श हैं इनका विचार धारा देशहित में रहा है।
राजधानी रांची के राजभवन बरियातु रोड स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री रघुवर दास, नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के अलावा कांके के विधायक डॉ. जीतू चरण राम, रांची नगर-निगम की महापौर आशा लकड़ा, उपमहापौर संजीव विजयवर्गीय, झारखंड राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ समेत अन्य नेताओं ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।
भाजपा रांची महानगर द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्त्ता भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा रांची महानगर के अध्यक्ष मनोज मिश्र ने किया। प्रदेश भाजपा कार्यालय में भी पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। राज्यभर के सभी जिलों में भाजपा नेताअें-कार्यकर्ताओं द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें याद किया गया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय विचारक, अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, इतिहासकार और पत्रकार थे।
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निर्माण में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई और भारतीय जनसंघ जो कि वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी है उसके अध्यक्ष भी बने। दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को एक मध्यमवर्गीय प्रतिष्ठित हिंदू परिवार में हुआ था, भारतीय जनसंघ की स्थापना डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा वर्ष 1951 में किया गया और दीनदयाल उपाध्याय को प्रथम महासचिव नियुक्त किया गया था। वह लगातार दिसंबर 1967 तक जनसंघ के महासचिव बने रहे।