एल खियांग्ते ने कहा कि यहां से प्रशिक्षण लेने के उपरांत सभी मास्टर ट्रेनर विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में विद्यार्थियों व मतदाताओं को प्रशिक्षत करें, ताकि वे मताधिकार के महत्व को समझकर मतदान करने के लिए आगे आएं। इससे मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस बाबत सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति के साथ भी बैठक आयोजित की जाएगी। इस कार्यक्रम में डॉ मनीष रंजन, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और दिलीप कुमार, सलाहकर भी मौजूद रहे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से आए मास्टर ट्रेनरों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के विभिन्न एप्लीकेशंस के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए सी-विजिल, सुविधा, वोटर हेल्पलाइन नंबर 1950, और समाधान जैसे कई एप्प इस्तेमाल किए जा रहे हैं। उन्होंने मास्टर ट्रेनरों को कहा कि वे अपने-अपने संस्थाओं और आसपास के इलाकों में लोगों को इसके इस्तेमाल को लेकर प्रेरित करें, ताकि चुनाव में होने वाली गड़बड़ियों को रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि बुजुर्ग, महिला और दिव्यांग मतदाताओं की चुनाव प्रक्रिया में सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से कई कदम उठाए गए हैं। दिव्यांग मतदाताओं के लिए मतदान केद्रं पर रैंप, व्हील चेयर की व्यवस्था के साथ पिक एंड ड्रॉप की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं, महिला मतदाताओं के लिए कुछ मतदान केंद्रों को पिंक बूथ के रूप में चयन किया गया है। यहां सभी मतदानकर्मी भी महिलाएं होंगी। इसके साथ मतदान केंद्रों पर शौचालय, पेयजल, बिजली और सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसका उदेश्य मतदाताओं को सहूलियत देने के साथ मतदान प्रतिशत को बढ़ाना है।
खियांग्ते ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और विद्यालयों में मतदाता साक्षरता क्लब का गठन किया जाना है। महाविद्यालयों में 18 से 21 साल तक के मतदाताओं को इस क्लब में शामिल करें। क्लब के सदस्यों के लिए लिए कई मनोरंजक गतिविधियां, कार्यक्रम और खेल आयोजित की जाएगी। इसमें से ज्यादातर गतिविधियां क्लास रुम आधारित होंगी। भारत निर्वाचन विभाग की ओर से क्विज और डिबेट समेत 25 तरह की गतिविधयों के साथ 6 खेलों को विशेष रुप से डिजाइन किया गया है, जिसके जरिए विद्यार्थियों और नए मतदाताओं को उनके मताधिकार और चुनाव प्रक्रिया को लेकर शिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय वोटर अवेयरनेस फोरम का गठन करें। इसके अंर्तगर्त वे सुदरवर्ती इलाकों में जाकर छूटे हुए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज कराना सुनिश्चत करें और साथ ही उन्हें मतदान करने के प्रति जागरूक करें। इस अभियान के तहत मतदाताओं को जागरुक करने के लिए रन फॉर वोट, रैली, हस्ताक्षर अभियान आदि का इस्तेमाल करें, ताकि उनकी चुनाव में सहभागिता सुनिश्चित हो सके।