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सुखाड़ग्रस्त क्षेत्र में रबी फसल के बीज पर सब्सिडी 50 से बढ़ाकर 90 प्रतिशत की जाए-मुख्यमंत्री

locationरांचीPublished: Oct 31, 2018 07:57:19 pm

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Prateek

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों के संभावित सुखाग्रस्त क्षेत्र के चिन्हीकरण का कार्य पूरा करते हुए उपायुक्त 10 नवम्बर तक अपना रिपोर्ट दें…

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(पत्रिका ब्यूरो,रांची): मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सुखाग्रस्त क्षेत्र के लिए एडवांस प्लांनिग करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि फसल बीमा का लाभ किसानों को जल्द से जल्द मिले, यह भी सुनिश्चित हो और हर विभाग निर्धारित समय के अंदर अपनी रिपोर्ट दें। राज्य सरकार सुखाग्रस्त क्षेत्र में जो कार्य करेगी उसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए ताकि किसानों को और उस क्षेत्र के नागरिकों पर सुखाड़ का प्रभाव न पड़े।

 

बढेगी फसल बीज सब्सिडी

उन्होंने कहा कि सुखाड़ग्रस्त क्षेत्र में रबी के फसल बीज पर सब्सिडी 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत की जाए। मुख्यमंत्री आपदा प्रबंधन से तत्काल 100 करोड़ राशि विभिन्न राहत कार्यों के लिए उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री बुधवार को झारखण्ड मंत्रालय में राज्य में सुखाड़ की स्थिति की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिया।


10 तक उपयुक्त दे अपनी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों के संभावित सुखाग्रस्त क्षेत्र के चिन्हीकरण का कार्य पूरा करते हुए उपायुक्त 10 नवम्बर तक अपना रिपोर्ट दें। सभी विभाग सूखा प्रभावित इलाकों में अपने विभाग के द्वारा कराए जाने वाले कार्यों की योजना तथा वित्तीय मांग अगले 5 दिनों के अंदर समर्पित करेंगे। 21 नवम्बर के पहले राज्य सरकार राज्य के सुखाड़ पर एक समग्र रिपोर्ट भारत सरकार को भेजा जाना सुनिश्चित करें।


सुखाड़ क्षेत्र में नहीं हो अनाज की कमी

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी स्थिति में सुखाड़ क्षेत्र में अनाज की कमी नहीं हो। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी पंचायतों के मुखिया के खाते में 10 हजार रूपया भेजा जा चुका है ताकि उस पंचायत में किसी भी नागरिक को अनाज की कमी होती है या भूख की स्थिति उत्पन्न होती है तो बाजार से खरीद कर उसे अनाज उपलब्ध करा सके।


सीएम ने दिए यह निर्देश

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि सुखाड़ग्रस्त घोषित होने के बाद प्रभावित क्षेत्र के किसानों से ऋण, सहकारिता ऋण, राजस्व लगान, सेस, पटवन शुल्क, विद्युत शुल्क की वसूली मार्च 2019 तक न की जाए। इसके लिए बैंकर्स की बैठक बुलाकर उन्हें भी निर्देश दिया जाए। सुखाड़ प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अग्रिम योजना बनाते हुए आपदा के तहत तत्काल कार्य शुरू करें। मनरेगा के तहत प्रावधान के अनुरूप 100 दिनों के रोजगार के बदले 150 दिनों का रोजगार दिया जाए तथा कृषि विभाग द्वारा जो तालाब का निर्माण कराया जाना है वे प्राथमिकता के आधार पर इन क्षेत्रों में पहले कराया जाए। हर हाल में पशु चारा भी सुखाग्रस्त क्षेत्रों में उपलब्ध रहे एवं प्रखण्ड स्तर पर कैम्प लगाकर किसानों को पशु चारा उपलब्ध कराया जाए। साथ ही पशु चिकित्सा एवं दवा के लिए पंचायत स्तर पर कैम्प लगाकर कार्य करें। प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपस्वास्थ्य केन्द्र में एएनएम की उपलब्धता सुनिश्चित करें।


यह लोग रहे बैठक में मौजूद

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में कृषि मंत्री रणधीर सिंह, मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह, प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, प्रधान सचिव अविनाश कुमार, सचिव पूजा सिंघल, सचिव केके सोन, सचिव अराधना पटनायक, सचिव अमिताभ कौशल तथा विभिन्न विभागों के निदेशक एवं अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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