रांची

139 बजट घोषणाओं में से 138 को जमीं पर उतरा-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विकास के लिए घाटे का बजट जरूरी,सरप्लस बजट अच्छा नहीं…
 

रांचीJan 22, 2019 / 07:05 pm

Prateek

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(रांची): मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्य के विकास के लिए घाटे का बजट जरूरी है, लेकिन आगामी वित्तीय वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा 7155.63 करोड़ होने का अनुमान है, जो आगामी वित्तीय वर्ष के अनुमानित जीएसडीपी का 2.26 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि सरप्लस बजट अच्छा नहीं होता है, किसी भी राज्य के लिए यह अच्छा नहीं होगा कि सरप्लस बजट पेश करें और राज्य की गरीब जनता पानी और अन्य आधारभूत संरचनाओं के अभाव में परेशान रहे।


मुख्यमंत्री मंगलवार को विधानसभा में बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष 23 जनवरी को वर्ष 2018-19 का बजट पेश करते हुए 139 घोषणाएं की गई थी, उसमें से 138 घोषणाओं को जमीं पर उतारा गया है, वहीं एक अन्य घोषणा पर अभी काम चल रहा है।


मुख्यमंत्री ने बताया कि वृद्धापेंशन, दिव्यांग और कुष्ठ रोगियों को दिये जाने वाले पेंशन को 600 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये मासिक कर दिया गया है। एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना मद की राशि खर्च नहीं होने की एक समस्या रही है, लेकिन पिछले चार वर्षों में देखा जाए, तो बजट राशि 90 प्रतिशत से अधिक खर्च हुई है, इस वर्ष भी लगातार वे मॉनिटरिंग कर रहे है और उनकी कोशिश होगी कि 100 प्रतिशत योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचे। रघुवर दास ने बताया कि पत्रकारों की समस्या से भी वे अवगत है, पत्रकारों के लिए पेंशन योजना को लेकर अध्ययन किया जा रहा है, जल्द ही उन्हें खुशखबरी मिलेगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत राज्य के 28 लाख किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पांच हजार रुपए बरसात के पहले उनके अकाउंट में दिया जाएगा। राज्य के अन्नदाता को कर्जदाता न बने इसके लिए मुख्यमंत्री कृषि योजना शुरू की।


उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल लगातार इस कानून में कमियों को देख रही है। जीएसटी के लागू होने से राज्य सरकार को कोई घाटा नहीं है। उन्होंने कहा कि जीएसटी से रेवेन्यू को बढ़ाना है। इसके लिए मानव संसाधन को सशक्त बनाना है जितना क्रय शक्ति बढ़ेगा उस हिसाब से जीएसटी से रेवेन्यू प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चार साल में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया। सबका साथ सबका विकास के नारे को लेकर राज्य सरकार ने पिछले चार साल में कई कार्य किए हैं।

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