82 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 36 है, वहीं एक मनोनीत सदस्य को लेकर यह संख्या 37 तक पहुंच जाती है। ऐसी स्थिति में झाविमो से भाजपा में शामिल होने वाले छह विधायकों की सदस्यता समाप्त भी हो जाती है, तो सदस्यों की कुल संख्या घटकर 76 हो जाएगी, जबकि एक सदस्य स्पीकर होते है, इस तरह 75 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए भाजपा को बहुमत के लिए 38 सीटों की जरूरत होगी। सत्तारूढ़ गठबंधन में आजसू के चार सदस्य शामिल है, इसलिए सदन में फिलहाल एनडीए गठबंधन को पूर्ण बहुमत प्राप्त है। इसके अलावा सत्तापक्ष को नौजवान संघर्ष मोर्चा के भानू प्रताप शाही और बसपा के कुशवाहा शिवपूजन मेहता का समय-समय पर अपरोक्ष रूप से समर्थन मिलता रहता है।
विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधीकरण की ओर से इस दल-बदल मामले में यदि छह विधायकों के पक्ष में फैसला आता है, तो झाविमो की ओर से इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा सकती है, वहीं यदि फैसला विधायकों के विरोध में आता है, तो नैतिकता के आधार पर सरकार में मंत्री के रूप में शामिल अमर कुमार बाउरी और रणधीर सिंह पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ेगा, इसके अलावा तीन विधायक अलग-अलग बोर्ड निगम में शीर्ष पद पर तैनात है।