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राज्यकर्मियों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने को बडा कदम उठाने के साथ झारखंड सरकार ने की यह विशेष घोषणाएं

locationरांचीPublished: Sep 12, 2018 02:07:21 pm

Submitted by:

Prateek

बैठक समाप्त होने के बाद कैबिनेट सचिव एसकेजी रहाटे ने बताया कि…

(पत्रिका ब्यूरो,रांची): राज्य मंत्रिपरिषद ने रक्तदान करने के लिए राज्य कर्मचारियों को प्रत्येक वर्ष अधिकतम 4 दिन विशेष आकस्मिक अवकाश दिए जाने की स्वीकृति दी गई। मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। बैठक समाप्त होने के बाद कैबिनेट सचिव एसकेजी रहाटे ने बताया कि भारत सरकार की तरह झारखंड राज्य के विभिन्न विभागों एवं सरकारी कार्यालयों में कार्यरत वैसे सरकारी सेवक जो कार्य दिवस के दिन मान्यता प्राप्त रक्त अधिकोष में रक्तदान करेंगे, उन्हें उक्त कार्य दिवस का विशेष आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करने एवं पूरे वर्ष में अधिकतम 4 बार रक्तदान के लिए कुल 4 दिन विशेष आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।


बिरसा मुंडा संग्रहालय के लिए 26.68करोड़


राजधानी रांची में स्थित बिरसा मुंडा जेल के जीर्णोद्धार एवं संरक्षण कार्य तथा बिरसा मुंडा संग्रहालय के रूप में विकसित करने के लिए 26.68 करोड़ की लागत योजना पर प्रशासनिक स्वीकृति तथा बिरसा मुंडा जेल के संरक्षण कार्य से संबंधित प्रथम खंड की राशि 9.24 करोड़ की योजना का कार्य वित्तीय नियमावली के नियम 245 के तहत नियम 235 को शिथिल करते हुए मनोनयन के आधार पर मेसर्स इंडियन ट्रस्ट फॉर रूरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट को आवंटित करने की मंजूरी दी गई।


वनरक्षी व वनपाल के वर्दी भत्ता में 1000 की वृद्धि


वन,पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधीन वर्दीधारी क्षेत्रीय कर्मचारियों वनरक्षी और वनपाल के वर्दी भत्ता के पुनरीक्षण के संबंध में स्वीकृति दी गई। पहले वनरक्षी को वर्दी भत्ता के रूप में 3000 रुपये मिलता था, अब उन्हें 4000रुपये मिलेग, जबकि वनपाल को 3500 रुपये मिलता था, अब उन्हें 4000 रुपये मिलेगा।


हाईटेंशन के लिए विद्युत निगम में बिल जमा करना होगा


अंगीकृत बिहार विद्युत शुल्क नियमावली, 1949 के नियम 11 में संशोधन पर स्वीकृति दी गई। इस नियम के तहत हाईटेंशन बिजली कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को अब बिजली बिल वाणिज्यकर विभाग के बजाय झारखंड राज्य विद्युत उर्जा निगम लिमिटेड कार्यालय में जमा करना होगा और बाद में यह राशि वाणिज्य कर विभाग को हस्तांतरित कर दी जाएगी। बताया गया है कि अभी हाईटेंशन के उपभोक्ताओं से वाणिज्य कर विभाग को बिल वसूलने में काफी दिक्कत होती थी और व्यवहारिक रूप से शुल्क भी नहीं मिल पाता था, इस कारण यह निर्णय लिया गया।

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