बैठक समाप्त होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कैबिनेट सचिव एस.के.जी. रहाटे ने बताया कि विश्व बैंक की सहायता से बनने वाले इस डैम की ऊंचाई पूर्व में 225मीटर थी, जिसके कारण कई गांवों के डूब जाने का खतरा था और स्थानीय ग्रामीणों में भी इस परियोजना को लेकर नाराजगी थी, लेकिन अब इस बांध की ऊंचाई 213 मीटर रखने का निर्णय लिया गया है। इससे गांवों के डूबने का खतरा समाप्त हो जाएगा और परियोजना के लिए भू अर्जन का काम भी पूरा हो चुका है। 377 परिवारों को नौकरी भी दी जा चुकी है और उनके पुनर्वास के लिए स्थल भी चिन्हित हो चुकी है।