तंत्र को मजबूती देने का हो रहा प्रयास
राज्यपाल मंगलवाल को रांची के धुर्वा स्थित न्यायिक अकादमी में आयोजित 8वीं राष्ट्रीय महिला पुलिस सम्मेलन को संबोधित कर रही थी। राज्यपाल ने कहा कि महिला पुलिस सम्मेलन के माध्यम से पुलिस संस्थानों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में होने वाली यौन उत्पीड़न से निपटने के लिए उपलब्ध तंत्र को मजबूती प्रदान करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। साथ ही इस दिशा में मॉनिटरिंग करने एवं इस दिशा में हर संभव सुझाव देने की ओर प्रयत्नशील है।
पारिवारिक दायित्व का निर्वहन कर पा रही महिला पुलिस?
उन्होंने कहा कि आज महिलाओं ने पुलिस जगत में भी अपनी मेधा तथा दक्षता से विशिष्ट पहचान बनाई है। आनेवाले दिनों में पुलिस बल में उनकी भागादारी में और वृद्धि होगी, ऐसी अपेक्षा है। संभवतः उनकी भागादारी लक्ष्य के अनुरूप 50ः तो शीघ्र ही प्राप्त कर लेंगे। इस कार्यशाला में यह भी चिन्तन का विषय है कि महिला पुलिसकर्मी बाहर तो अपने दायित्वों का निर्वहन कर लेते हैं, क्या अपने घरों में पारिवारिक दायित्व का निर्वहन करते हैं। वे माता, बेटी, बहु आदि की भूमिका का निर्वहन कितना कर पाते हैं?
कार्य स्थल पर ना हो महिला—पुरूष का भेद
उन्होंने उम्मीद जतायी कि महिला पुलिसकर्मियों की इन समस्याओं सब पर भी चर्चा होगी और निदान होगी ताकि वे अपने दायित्वों का निर्वहन और समर्पण के साथ कर सकें। राज्यपाल ने उम्मीद जतायी कि राज्य की हर पुलिसकर्मी अपने को अनुकूलित महसूस करें। उनमें किसी भी प्रकार का भय व्याप्त न रहें। कार्यस्थल में नारी-पुरूष का भेद-भाव न रहें। महिलायें विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा कर रही है, कीर्तिमान स्थापित कर रही है। इसका सदा ख्याल रखें। उन्हें प्रोत्साहित करें। इस मौके पर डीजीपी समेत देश भर के विभिन्न राज्यों से आयी प्रतिनिधि और अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।